नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने सोमवार को कहा कि भारत के प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय एक साल में पूरा हो जायेगा और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने कार्यकाल में किये गये कार्यों को भी दर्शाया जायेगा. केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने 271 करोड़ रुपये की लागत से तीन मूर्ति संपदा परिसर में बननेवाले इस संग्रहालय की सोमवार को आधारशिला रखी.
संग्रहालय 10,975.36 वर्ग मीटर में होगा जिसमें भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन और कार्यों को दर्शाया जायेगा. इसमें सभी तीन स्तरों पर एक तलघर, भूतल, प्रथम तल और दीर्घाएं होंगी. शर्मा ने कहा, संग्रहालय के निर्माण तक हमारे पास जो भी इतिहास होगा, वह संग्रहालय में शामिल किया जायेगा. यह एक साल में पूरा हो जायेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय में मोदी के अपने कार्यकाल में किये गये कार्यों को भी शामिल किया जायेगा, मंत्री ने कहा, हां, बिल्कुल. पूर्व प्रधानमंत्री मनामोहन सिंह द्वारा पिछले महीने मोदी को पत्र लिखकर मुद्दे पर चिंता जताये जाने के बावजूद केंद्र अपनी योजना पर आगे बढ़ा है. सिंह ने नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) की प्रकृति और चरित्र को बदले जाने के सरकार के कदम पर चिंता व्यक्त की थी.
मोदी से तीन मूर्ति परिसर, जहां एनएमएमएल स्थित है, से छेड़छाड़ न करने का आग्रह किया था. केंद्रीय मंत्री शर्मा ने कहा, प्रधानमंत्री केवल व्यक्ति नहीं होते, बल्कि वे अपने आप में संस्थान होते हैं. उन्होंने कहा, वर्तमान में हमारे पास भारत के केवल तीन प्रधानमंत्रियोंजवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी को समर्पित संग्रहालय हैं. इस संग्रहालय में भविष्य के प्रधानमंत्रियों को भी जगह मिलेगी, इसमें प्रधानमंत्रियों के जीवन से जुड़े संदेश भी होंगे.
शर्मा ने कहा, संग्रहालय एक साल में पूरा हो जायेगा. उन्होंने कहा कि परिसर में दो एकड़ में मौजूद एनएमएमएल के किसी भी हिस्से को नये संग्रहालय के निर्माण के दौरान छुआ तक नहीं जायेगा. शर्मा ने कहा कि प्रस्तावित संग्रहालय में प्रत्येक प्रधानमंत्री से संबंधित संग्रह के जरिये आधुनिक भारत की झलक दिखेगी और इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि 24 तीलियों के साथ चक्र केंद्र में होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संग्रहालय भवन के निर्माणवाले स्थान के स्वामित्व को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, भूमि सरकार की है और इसमें से कुछ एनएमएमएल के लिए दी गयी है, 23 एकड़ जमीन अब भी बची है और हमने इसके उपयोग का फैसला किया है.
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