उत्पादन घटायेंगे ओपेक सहित कई देश
पिछले एक महीने से पेट्रोल-डीजल के लगातार घट रही कीमतों से जनता को मिली राहत अब ज्यादा दिन नहीं रहनेवाली है. एक महीने में क्रूड के दाम 84 से गिर कर 71 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने से क्रूड उत्पादक और निर्यातक देशों के मुनाफे पर असर पड़ रहा है. वह घाटा कम करने के लिए क्रूड उत्पादन में कटौती पर विचार कर रहे हैं.
क्रूड उत्पादन की कटौती से बाजार में उसके दाम चढ़ेगे और उसका सीधा असर जनता की जेब पर आयेगा. पिछले एक माह से पेट्रोल डीजल की कीमतें घट रही हैं. नवंबर में तो सात तारीख को छोड़कर अब तक हर दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटी हैं. तेल उत्पादन में कटौती की जाये या नहीं, कटौती हो, तो कितनी, इन सवालों पर मंथन के लिए क्रूड उत्पादक और निर्यातों की बैठक छह दिसंबर को होने जा रही है. उसी में आगे का एजेंडा तय होगा. सोमवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल में 70.69 डॉलर प्रति बैरल के भाव से ट्रेडिंग शुरू हुई.
इससे पहले, शुक्रवार को यह 70 डॉलर प्रति बैरल के नीचे पहुंच चुका था. ब्रेंट के प्रति बैरल 70-71 डॉलर के आसपास रहने से ग्राहकों में पेट्रोल-डीजल के दाम घटते रहने की उम्मीद जगी है. क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट ईरान पर अमेरिकी पाबंदी के बहुत प्रभावी नहीं होने की वजह से आ रही है.
अमेरिका ने भारत, चीन, जापान समेत आठ देशों को ईरान से तेल इंपोर्ट को लेकर पाबंदी में ढील दी है. साथ ही, अमेरिका, सऊदी अरब और रूस ने तेल उत्पादन बढ़ा दिया है. लेकिन, अगर कुछ तेल उत्पादक देश मनमर्जी पर उतर आये, तो पेट्रोल-डीजल पर मिल रही राहत कभी भी काफूर हो सकती है.
तेल उत्पादक देशों का मुनाफा घटा
जितना सस्ता पेट्रोल-डीजल आपको मिल रहा है, तेल उत्पादक देशों की आमदनी उसी अनुपात में घट रही है. यही वजह है कि सऊदी अरब अब तेल उत्पादन घटाने की सोच रहा है. हालांकि, उसने पहले उत्पादन बढ़ाने का भरोसा दिया था. सऊदी अरब, इराक और ईरान जैसे तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक एवं रूस जैसे अन्य उत्पादक देशों ने उत्पादन घटाने पर चर्चा को लेकर अबू धाबी में मीटिंग की.
सऊदी अरब तेल उत्पादन में 10 लाख बैरल रोजाना कटौती पर सहमत हुआ
अबु धाबी. सउदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फालेह ने कहा कि तेल उत्पादक देशों को कीमतों में जारी गिरावट से उबरने के लिए प्रतिदिन 10 लाख बैरल की कटौती करनी होगी. फालेह ने अबु धाबी में ऊर्जा सम्मेलन में कहा कि हमने जो तकनीकी विश्लेषण किया उससे पता चला कि हमें बाजार को पुन: संतुलित करने के लिए प्रोडक्शन में रोज कटौती करनी होगी. बाजार को स्थिर बनाने की दिशा में हम कटौती करेंगे.
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