इंदौर : जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग करने के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निर्णय पर सियासत गरमाने के बीच केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को कहा कि संवैधानिक मर्यादाओं और सुरक्षा के हालात के मद्देनजर राज्यपाल को उचित निर्णय करने का पूरा अधिकार है.
प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक अनिश्चितता की संवेदनशील स्थिति है. ऐसे में संवैधानिक मर्यादाओं और सुरक्षा के हालात को देखते हुए राज्यपाल को उचित निर्णय करने का पूरा अधिकार है.
बहरहाल, कानून मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में नयी सरकार बनाने के लिये व्यापक पैमाने पर खरीद-फरोख्त को लेकर राज्यपाल के दावे पर टिप्पणी नहीं की, उन्होंने कहा कि इस मामले में उनका कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करना उचित नहीं होगा. प्रसाद ने पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर में तीनों पार्टियों ने रात के अंधेरे में एकाएक अपना रुख बदल लिया.
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ये पार्टियां सरकार बनाने के दावे के साथ रातों-रात सामने आ गयीं. क्या कोई दल इनसे बड़ा अवसरवादी हो सकता है? जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर केंद्र सरकार के मौजूदा रुख के बारे में पूछे जाने पर कानून मंत्री ने कहा, यह मुद्दा भाजपा के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा रहा है.
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लेकिन अभी हमारी सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया कर दिया जाये. उन्होंने कहा, भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में स्थानीय आतंकवादियों की कमर तोड़ कर रख दी है.
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