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योगी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी खूब आलोचना तो हो ही रही है साथ ही उनके इस बयान से संत समाज भी नाराज है. पीठाधीश्वर शारदा द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने पाप कर्म किया है. बजरंगबली कैसे दलित समुदाय से ताल्लुक रखते थे अब यह मुख्यमंत्री बताने का कष्ट करें. योगी ने यह कहकर पाप किया है.
आगे शंकराचार्य ने कहा कि भगवान को दलित कहना यह स्वयं में एक अपराध के साथ-साथ पाप है, क्योंकि हमारे यहां दलित नाम का कोई शब्द नहीं था. दलित उस शख्स के साथ जोड़ा जाता है जिसके साथ कभी अत्याचार हुआ हो, जो अत्याचार से पीड़ित हो.
इधर, राजस्थान के एक संगठन सर्व ब्राह्मण समाज ने योगी को नोटिस भेजा है और उनसे बयान को लेकर माफी मांगने को कहा है. समाज का कहना है कि बजरंग बली न तो दलित हैं, न वंचित और न ही लोकदेवता…. समाज का कहना है कि यदि वे तीन दिन में माफी नहीं मांगते तो उनपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ब्राह्मण समाज ने नोटिस में कहा है कि हनुमान हमारे भगवान हैं. उन्हें वंचित और लोकदेवता बताना न केवल उनका बल्कि लाखों हनुमान भक्तों का अपमान करने योग्य है.
योगी के बयान की कांग्रेस ने भी आलोचना की है. कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा अभी तक इंसान को बांट रही थी, लेकिन अब वह भगवान को भी जाति में बांटने के काम में लग गयी है.