आंध्र प्रदेश, तेलंगाना को मिला अलग-अलग उच्च न्यायालय

हैदराबाद/अमरावती : आंध्र प्रदेश को विभाजित कर तेलंगाना राज्य गठित किये जाने के चार वर्ष से अधिक समय बाद मंगलवार को दोनों प्रदेशों को अपना अलग-अलग उच्च न्यायालय मिल गया.... न्यायमूर्ति तोत्ततिल बी राधाकृष्णन ने हैदराबाद में तेलंगाना उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्यभार संभाल लिया. वहीं, सी प्रवीण कुमार ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2019 8:52 PM
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हैदराबाद/अमरावती : आंध्र प्रदेश को विभाजित कर तेलंगाना राज्य गठित किये जाने के चार वर्ष से अधिक समय बाद मंगलवार को दोनों प्रदेशों को अपना अलग-अलग उच्च न्यायालय मिल गया.

न्यायमूर्ति तोत्ततिल बी राधाकृष्णन ने हैदराबाद में तेलंगाना उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्यभार संभाल लिया. वहीं, सी प्रवीण कुमार ने विजयवाड़ा में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने अलग-अलग समारोहों में उन्हें शपथ दिलायी. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू अपने-अपने राज्यों में समारोह में मौजूद थे. 2014 में तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से हैदराबाद स्थित उच्च न्यायालय संयुक्त रूप से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों के उच्च न्यायालय के तौर पर काम कर रहा था.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 26 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के लिए अलग उच्च न्यायालय के लिए आदेश जारी किये थे. राधाकृष्णन को हैदराबाद स्थित राजभवन में तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलायी गयी. नरसिम्हन बाद में अमरावती के पास विजयवाड़ा पहुंचे और कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सी प्रवीण कुमार को शपथ दिलायी. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इसे एक ऐतिहासिक दिन बताया. उन्होंने कहा, मैं इसको लेकर बहुत खुश हूं कि राज्य में मंगलवारको विधिक प्रशासन शुरू हो रहा है. उच्च न्यायालय के शुरू होने से राज्य के बंटवारे की प्रक्रिया पूरी हो गयी, हालांकि कुछ परिसम्पत्तियों का वितरण शेष है.

चूंकि राज्य की राजधानी में उच्च न्यायालय के लिए अस्थायी इमारत अभी तैयार नहीं है इसलिए राज्य सरकार ने विजयवाड़ा में मुख्यमंत्री के शिविर कार्यालय को अस्थायी अदालत परिसर में तब्दील कर दिया है. अस्थायी इमारत के जनवरी के अंत तक, जबकि वास्तविक उच्च न्यायालय परिसर के निर्माण में और तीन वर्ष लगेंगे.

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