मुख्य सचिव के अनुसार, सभी जिलों में ऋण माफी प्रमाण-पत्र वितरण शिविर सात फरवरी से ग्राम सेवा सहकारी समितियों में आयोजित किये जायेंगे. इनमें सहकारी बैंकों से जुड़े पात्र किसानों को ऋण माफी प्रमाण पत्र दिये जायेंगे. मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि प्राथमिकता देते हुए इन शिविरों का आयोजन सफल बनाया जाये. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाया है और उसमे पहला बिन्दु किसान कल्याण से संबंधित है. यह सरकार की पहली प्राथमिकता है. इसी बात को ध्यान में रखकर ऋण माफी शिविरों की सफलता सुनिश्चित करें.
मुख्य सचिव की आेर से सभी जिला कलेक्टरों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि ऋण माफी प्रक्रिया से जुड़ा कोई भी अधिकारी उनकी अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़े. बता दें कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों का फसली कर्ज माफ करने की घोषणा की थी. इसके बाद अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के दो दिन में ही इसे लागू करने की घोषणा कर दी. इसके औपचारिकताएं तय करने के लिए बनायी गयी समिति ने अपनी रिपोर्ट कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री को सौंपी थी.
उधर, भाजपा किसान कर्जमाफी को लगातार मुद्दा बनाये हुए है. विधानसभा के पहले सत्र में भी उसने इसे लेकर हंगामा किया. आठ फरवरी से वह जेल भरो आंदोलन शुरू करने वाली थी. इस बीच, सरकार ने कर्जमाफी के प्रमाण पत्र बांटने के शिविर आयोजित करने की घोषणा की है. हालांकि, सरकार की ओर से अभी अन्य बैंकों के कर्जदाता किसानों की कर्जमाफी की प्रक्रिया के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.