।। नेशनल कंटेंट सेल ।।
अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ ने हादसे से पहले काफिले के रूट की पूरी सावधानी बरती थी और ग्रेनेड हमले या अचानक से होने वाली फायरिंग को लेकर काफी सतर्कता दिखायी थी. रूट की पूरी तरह से जांच की गयी थी. लेकिन उन्हें क्या पता था की उनकी यह छोटी-सी चूक 42 जवानों को शहीद कर देगी.
एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार ने जब सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर जनरल से बात की तो उन्होंने बताया कि ‘रोड ओपनिंग पार्टी’ ने गुरुवार सुबह पूरे रूट की चेकिंग की थी. उस रूट पर कहीं पर भी आइइडी नहीं पाया गया था और न ही इस बात की संभावना छोड़ी गयी थी कि कोई जवानों के काफिले पर फायरिंग कर सके या ग्रेनेड फेंक सके.
* कराची में रची साजिश, पीओके में आदिल को मिली ब्लास्ट की ट्रेनिंग
पुलवामा में हुए फिदायीन हमले की स्क्रिप्ट पाकिस्तान के कराची में ही लिखी गयी थी. खबरों के मुताबिक, पांच फरवरी को रची गयी इस साजिश के बाद आतंकियों की सात टीमें भारत में घुसी थीं. पाकिस्तान के आतंकियों ने तालिबान मॉड्यूल में इस हमले को अंजाम देने की ठानी.
पाक अधिकृत कश्मीर के कैंप में चीफ इंस्ट्रक्टर रहे अब्दुल रशीद गाजी ने इस हमले को अंजाम देने वाले आदिल अहमद डार को आइइडी ब्लास्ट की ट्रेनिंग दी. गाजी दो महीने पहले ही भारत में आ चुका था. इसके बाद ही पूरी घटना को योजना बनाकर अंजाम दिया गया.
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