इसे भी देखें : Air Strike के बाद कटघरे में इमरान खान, पाकिस्तानी मीडिया ने अपनी ही सरकार पर दागे सवाल
उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना के सभी ठिकानों को अधिकतम अलर्ट पर रखा गया है, ताकि इस्लामाबाद की ओर से किसी तरह का पलटवार किये जाने की स्थिति से निपटा जा सके. साल 1971 के युद्ध के बाद भारतीय वायुसेना ने पहली बार पाकिस्तान के भीतर ऐसी कार्रवाई की है.
सूत्रों ने बताया कि वायुसेना ने नियंत्रण रेखा से करीब 80 किलोमीटर दूर बालाकोट में जैश के शिविर पर हमले के लिए कई लेजर निर्देशित बमों का इस्तेमाल किया. इन बमों में प्रत्येक का वजन 1,000 किलो से ज्यादा था. इस कारवाई की शुरुआत तड़के तीन बजकर 45 मिनट पर हुई और यह सुबह 4:05 बजे तक चली. असल हमला दो मिनट से भी कम समय में अंजाम दे दिया गया.
भारतीय वायुसेना के विमानों ने कई अलग-अलग केंद्रों से उड़ान भरी थी. दिल्ली स्थित वायुसेना मुख्यालय में पूरे अभियान की निगरानी की जा रही थी. वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ सहित सैन्य बल के कई आला अधिकारी इस दौरान मौजूद थे. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा को पल-पल की जानकारी दी जा रही थी. सूत्र ने बताया कि यह एक बड़ा हमला था और पाकिस्तान इसे कभी नहीं भूलेगा. अभियान 100 फीसदी सफल रहा.