‘द वीक’ पत्रिका को दिये साक्षात्कार में नाइक ने कहा कि उसे न्यायिक व्यवस्था में विश्वास है, लेकिन यह आज की तुलना में पहले ज्यादा बेहतर थी. नाइक ने कहा, भाजपा सरकार के आने से पहले आप सरकार के खिलाफ बोल सकते थे और आपको न्याय मिलने की संभावना 80 प्रतिशत तक होती थी. आज के समय में यह संभावना 10 से 20 प्रतिशत है. इस्लामिक प्रचारक ने कहा, इसके अलावा, अगर हम इतिहास देखें तो आतंक के आरोपों का सामना करने वाले 90 प्रतिशत से अधिक मुसलमानों को 10 से 15 साल में बरी किया गया. लिहाजा मुझे भी औसतन 10 साल के लिए जेल में डाला जा सकता है. इससे मेरा पूरा अभियान बाधित होगा, ऐसे में मैं यह बेवकूफी क्यों करूं.
नाइक ने कहा कि अगर एनआईए चाहती है तो वह उससे मलयेशिया में पूछताछ कर सकती है. जब उससे न्याय का आश्वासन पर मिलने पर भारत लौटने के बारे में पूछा गया तो नाइक ने कहा, अगर भारत का उच्चतम न्यायालय आश्वासन देता है कि डॉक्टर जाकिर नाइक आयें, उन्हें दोषी ठहराये जाने तक गिरफ्तार नहीं किया जायेगा, तो ही मैं भारत वापस आऊंगा. जाकिर नाइक का नाम 1 जुलाई 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक कैफे में हुए आतंकी हमले के बाद उछला था, जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने उसपर आरोप लगाये थे. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के उस हमले में 20 लोगों की मौत हो गयी थी.