सैम पित्रोदा ने प्रधानमंत्री मोदी को बहस की चुनौती दी, कहा – 84 छोड़िये, 5 साल में आपने क्‍या किया ?

धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) : कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार सभी मोर्चे पर असफल हुई है. पित्रोदा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहस की चुनौती दी और कहा कि वह भी ‘गुजराती’ हैं.... पित्रोदा ने कहा कि एक माहौल निर्मित किया गया है जिसमें लोग तथ्यों पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2019 8:35 PM
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धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) : कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार सभी मोर्चे पर असफल हुई है. पित्रोदा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहस की चुनौती दी और कहा कि वह भी ‘गुजराती’ हैं.

पित्रोदा ने कहा कि एक माहौल निर्मित किया गया है जिसमें लोग तथ्यों पर नहीं बल्कि झूठ पर विश्वास करते हैं जो सोशल मीडिया पर फैलाये जाते हैं. पित्रोदा ने कहा, मोदी ने सार्वजनिक राशि का दुरुपयोग खुद को बढ़ावा देने और विज्ञापन पर किया.

उन्होंने आरोप लगाया कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का आधा बजट विज्ञापन पर खर्च किया गया. पित्रोदा ने यहां संवाददाताओं से कहा, आइये मुद्दों पर चर्चा करिये. (कांग्रेस प्रमुख) राहुल गांधी के साथ बहस करिये और यदि उनके साथ नहीं तो मेरे साथ बहस करिये. मैं भी एक गुजराती हूं.

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में किये गए कार्यों के बारे में बात करने की बजाय मोदी लोगों का ध्यान सीमा, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की राष्ट्रीयता की ओर बंटा रहे हैं और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर हमला कर रहे हैं. पित्रोदा ने कहा कि लोकसभा चुनाव भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि यह भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला नहीं है.

उन्होंने कहा, यह चुनाव भारत के भविष्य को लेकर है. इसके बारे में कि हम किस तरह का देश चाहते हैं. उन्होंने प्रस्तावित न्याय योजना को मनरेगा के समान बताते हुए कहा कि न्यूनतम आय योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देगी. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पांच वर्षों में 10 करोड़ नौकरियां मुहैया कराने के अपने वादे में असफल रही, इसके बजाय 24 लाख सरकारी पद रिक्त हैं.

उन्होंने कहा, वह 100 स्मार्ट शहरों के वादे पर भी विफल रही. उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया, लेकिन यह कम हो गई है. पित्रोदा ने कहा, देश का कर्ज 50 फीसदी बढ़ गया है. शिक्षा पर बजट कम करके 4.9 प्रतिशत से 3.4 प्रतिशत कर दिया गया है.

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