नयी दिल्ली : पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन दावों को खारिज कर दिया कि राजीव गांधी ने अपने परिवार एवं मित्रों के साथ छुट्टी के लिए आईएनएस विराट का उपयोग एक ‘निजी टैक्सी’ की तरह किया था.
हबीबुल्ला ने कहा कि विमान वाहक पोत को सुरक्षा कारणों से लक्षद्वीप में खड़ा किया गया था. अगस्त 1987 से लक्षद्वीप के प्रशासक रहे हबीबुल्ला ने याद करते हुए बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वीप विकास प्राधिकरण की बैठक में भाग लेने के लिए कवारती आए थे. वहां द्वीप विकास परिषद का उद्घाटन होना था तथा उनकी पत्नी सोनिया गांधी के अलावा उनके साथ परिवार का कोई अन्य सदस्य नहीं था.
हबीबुल्ला ने बताया कि उद्घाटन के बाद द्वीपों में पंचायती राज संस्थानों के गठन के सिलसिले में नवगठित परिषद को केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों से मिलना था. उन्होंने कहा, ‘‘दो चीजों में भ्रम है. कवारती में द्वीप विकास प्राधिकरण की बैठक होनी थी. कवारती लक्षद्वीप का मुख्यालय है. दूसरा, आधिकारिक कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री राजीव गांधी, उनके परिवार एवं मित्रों का बनगराम में अवकाश था जो एक अलग द्वीप है.’
ताजा विवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को एक रैली के दौरान की गयी टिप्पणी से उत्पन्न हुआ है. इसमें मोदी ने दावा किया कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब गांधी परिवार ने छुट्टियां मनाने के लिए युद्धपोत आईएनएस विराट का उपयोग एक ‘‘निजी टैक्सी’ के रूप में किया.
हबीबुल्ला ने कहा कि पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) रामदास ने भी एक बयान जारी करके कहा है कि केवल गांधी और उनकी पत्नी लक्षद्वीप जाने के लिए तिरूवनंतपुरम में आईएनएस विराट पर सवार हुई थीं. हबीबुल्ला ने कहा कि केवल गांधी और उनकी पत्नी एक सैन्य हेलीकाप्टर से कवारती आयी थीं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने और मेरी पत्नी ने हेलीपैड पर उनका स्वागत किया था. प्रधानमंत्री के परिवार का कोई सदस्य या मित्र हेलीकाप्टर से नहीं उतरा था. मेरी बात के समर्थन में मेरे पास उस यात्रा के फोटोग्राफ भी हैं. मैं प्रधानमंत्री के साथ था जबकि मेरी पत्नी सोनिया गांधी का साथ दे रही थीं.’
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य नवगठित परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए कवारती आये थे तथा अर्जुन सिंह जैसे कई मंत्री अपनी पत्नी के साथ आए थे. हबीबुल्ला ने कहा कि दो दिन तक चले समारोह के बाद राजीव गांधी एवं सोनिया गांधी बनगराम छुट्टियां मनाने के लिए चले गये तथा उनके मित्र एवं परिवार वहां उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उनके मित्रों एवं परिजनों ने तिरूवनंतपुरम से बनगराम जाने के लिए पवन हंस हेलीकाप्टर का उपयोग किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘आईएनएस विराट या अन्य किसी नौसेना पोत का उससे कोई लेना देना नहीं है किन्तु नौसेना की उपस्थिति वहां थी क्योंकि प्रधानमंत्री मौजूद थे. वह आईएनएस विराट था या कोई अन्य पोत, मुझे याद नहीं है.’
इस बारे में मोदी के बयान के बारे में पूछने पर हबीबुल्ला ने कहा, ‘‘उन्हें (मोदी को) इस प्रकार का बयान देने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए थी.’ मोदी ने बुधवार को रैली में कहा था, ‘‘आईएनएस विराट का इस्तेमाल एक निजी टैक्सी की तरह करके इसका अपमान किया गया. यह तब हुआ जब राजीव गांधी एवं उनका परिवार 10 दिनों की छुट्टी पर गया था. आईएनएस विराट को हमारी समुद्री सीमा की रक्षा के लिए तैनात किया गया था, किन्तु इसका मार्ग बदल कर गांधी परिवार को लेने के लिए भेजा गया जो अवकाश मना रहा था.’
उन्होंने यह भी दावा किया कि गांधी परिवार को लेने के बाद आईएनएस विराट द्वीप पर 10 दिनों तक खड़ा रहा. मोदी ने सवाल किया, ‘‘राजीव गांधी के साथ उनके ससुराल के लोग भी थे जो इटली से आये थे. सवाल यह है कि क्या विदेशियों को एक युद्धपोत पर ले जाकर देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया गया?’
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