दरअसल न्यूज एएनआई को दिए एक बयान में पित्रोदा ने कहा था कि मैं इसके बारे में नहीं सोचता, यह भी एक और झूठ है. 1984 की बारे में अब क्या? आपने पिछले 5 साल में क्या किया. 84 में हुआ तो हुआ. आपने क्या किया’? उनके इस बयान पर केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पित्रोदा की टिप्पणियां "हैरान" करने वाली हैं और किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी. भाजपा आज दिल्ली में सैम पित्रोदा के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रही है. भाजपा ने देश से माफी मांगने की अपील की है.
शुक्रवार की सुबह सैम पित्रोदा ने एक के बाद एक ट्वीट कर अपने बयान का बचाव किया. कहा कि मैं अपने सिख भाइयों-बहनों का दर्द समझता हूं. मैं समझता हूं कि 1984 में उन्हें काफी दर्द झेलना पड़ा. उन्होंने कहा कि भाजपा मेरे तीन शब्द को गलत तरीके से पेश कर वास्तविकता से दूर भाग रही है और हमें बांटकर अपनी नाकामियां छिपा रही है. दुखद है कि उनके पास बताने को कुछ भी सकारात्मक नहीं है.
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी और राहुल गांधी ने कभी भी किसी जाति-पंथ के आधार पर लोगों को बांटकर टारगेट नहीं किया है. ऐसा करना भाजपा के नेताओं की आदत रही है, क्योंकि वह अपनी परफॉर्मेंस पर, देश को आगे ले जाने के लिए अपने विजन पर बात ही नहीं कर सकते. उनके पास बेरोजगारी दूर करने को लेकर कोई विजन ही नहीं है.
पीएम मोदी ने भाषण में घेरा तो पित्रोदा ने दी थी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान की अपनी चुनावी सभा में सिख दंगे के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा था. उन्होंने कहा था कि इन्हें अपने पूर्वजों के नाम पर वोट तो चाहिए, लेकिन जब उन्हीं के कारनामे खंगाले जाते हैं तो इन्हें मिर्च लग जाती है…कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि 1984 के सिख दंगों का हिसाब कौन देगा?