विदेश मंत्रालय का माल्या आैर नीरव के प्रत्यर्पण का ब्योरा साझा करने से इनकार

नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने आरटीआई की एक धारा का उल्लेख करते हुए भगोड़े कारोबारी विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के बारे में ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया है. दरअसल, यह धारा उन सूचनाओं के खुलासे को प्रतिबंधित करती है जो अपराधियों के अभियोजन की प्रक्रिया को बाधित करती हो.... […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2019 8:14 PM
an image

नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने आरटीआई की एक धारा का उल्लेख करते हुए भगोड़े कारोबारी विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के बारे में ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया है. दरअसल, यह धारा उन सूचनाओं के खुलासे को प्रतिबंधित करती है जो अपराधियों के अभियोजन की प्रक्रिया को बाधित करती हो.

सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर एक अर्जी के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि माल्या और नीरव के प्रत्यर्पण का अनुरोध ब्रिटिश सरकार को भेजा गया है. मंत्रालय ने इस पत्रकार की अर्जी के जवाब में कहा, वे संबद्ध ब्रिटिश अधिकारियों के विचारार्थ हैं. इस सिलसिले में हुए पत्राचार की प्रति आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(एच) के तहत मुहैया नहीं की जा सकती. यह धारा उस सूचना का खुलासा किये जाने को प्रतिबंधित करती है, जो जांच की प्रक्रिया या अपराधी के अभियोजन को बाधित करती हो. उल्लेखनीय है कि शराब कारोबारी माल्या ब्रिटेन में जमानत पर बाहर है.

किंगफिशर एयरलाइन का यह पूर्व प्रमुख 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों में भारत में वांछित है. माल्या को प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध को ब्रिटेन के गृह मंत्री ने इस साल फरवरी में मंजूरी दे दी थी. माल्या ने इस प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील की था, जिसकी सुनवाई यूके हाईकोर्ट में दो जुलाई को होनी है. वहीं, भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी भी लंदन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहा है. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी के आरोपों और दो अरब डॉलर के धन शोधन मामले में उसे भारत प्रत्यर्पित करने के मामले में तीसरी बार जमानत देने से इनकार कर दिया गया है. वह लंदन की एक जेल में फिलहाल कैद रहेगा. इस साल मार्च में गिरफ्तार किए जाने के बाद से उसे जेल में रखा गया है.

भारत की जांच एजेंसियां सीबीआई और ईडी, माल्या तथा नीरव की संलिप्तता वाले भ्रष्टाचार के इन बहुचर्चित मामलों की जांच कर रही है. साथ ही, एक अन्य आरटीआई अर्जी के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले चार साल में विदेशी सरकारों को प्रत्यर्पण के 132 अनुरोध भेजे गये हैं. भगोड़ों का ब्योरा मुहैया करने और विदेशी सरकारों के साथ किये गये पत्राचार की प्रति मांगे जाने पर मंत्रालय ने कहा, आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(एच) के तहत ब्योरा मुहैया नहीं किया जा सकता.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version