नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि अलग रह रही पत्नी को गुजारा भत्ता जीवन यापन के लिए दिया जाता है और इसे तोहफे के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए और यह उसकी अर्जी की तारीख से ही देना होगा. अदालत ने एक व्यक्ति की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया. इस व्यक्ति ने निचली अदालत के मई 2017 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसे अलग रह रही पत्नी को अर्जी दायर करने की तारीख मार्च 2014 से अंतरिम गुजारा भत्ता के तौर पर 40,000 रूपये देने के निर्देश दिए गए थे .
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