सूरत अग्निकांड: 20 छात्रों की मौत, तीन पर केस दर्ज, घायल छात्र ने कहा- कूदता नहीं तो घुट जाता दम

सूरत/अहमदाबाद : सूरत के एक वाणिज्यिक परिसर में शुक्रवार की दोपहर आग लगने के बाद एक ‘कोचिंग क्लास’ के 20 छात्रों की मौत हो गयी. बड़ी संख्या में बच्चे घायल भी हुए हैं. भीषण आग में 16 लड़कियों सहित 20 छात्र जलकर मर गये. सभी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. हादसे के वक्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2019 9:14 AM
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सूरत/अहमदाबाद : सूरत के एक वाणिज्यिक परिसर में शुक्रवार की दोपहर आग लगने के बाद एक ‘कोचिंग क्लास’ के 20 छात्रों की मौत हो गयी. बड़ी संख्या में बच्चे घायल भी हुए हैं. भीषण आग में 16 लड़कियों सहित 20 छात्र जलकर मर गये. सभी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. हादसे के वक्त ऊपरी मंजिल पर डिजाइनिंग की कोचिंग चल रही थी. आग की लपटें फैलने के बाद छात्रों ने खिड़कियों से कूदना शुरू कर दिया. घटना के वीडियो से पता चलता है कि 13 से ज्यादा छात्र तीसरी व चौथी मंजिल से नीचे कूद गये.

कूदने वाले लोगों में से तीन की मौत हो गयी. हादसे में बचे एक छात्र ने बताया कि उसके पास तीसरी मंजिल से कूदने के अलावा और कोई चारा नहीं था. भीषण अग्निकांड में जिंदा बचे एक छात्र ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कोचिंग सेंटर के एसी में से अचानक धुआं निकलने लगा जिसके बाद वहां मौजूद शिक्षक ने कहा कि यह धुंआ इसलिए निकल रहा होगा क्योंकि किसी ने बाहर आग जलायी होगी. धुंआ लगातार बढ़ता गया तो सारे छात्र और शिक्षक अंतिम कमरे में सुरक्षा के लिए चले गये. यहां हमें सांस लेने में परेशानी होने लगी. हमने खिड़कियों को खोल दिया.

आपको बता दें कि मामले में राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिये हैं. घटना के वक्त बिल्डिंग में 50 से ज्यादा बच्चे और टीचर मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक कुछ छात्रों की मौत आग से झुलसने से भी हुई है. किसी भी मेडिकल इमरजेंसी से निबटने के लिए नयी दिल्ली स्थित एम्स के बर्न ऐंड ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम गठित की गयी है.

फिलहाल आग लगने की वजह साफ नहीं है. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता मुहैया कराने का एलान किया है. गुजरात सरकार व स्थानीय अधिकारियों से प्रभावितों को हर संभव मदद मुहैया कराने को कहा है. इस इमारत में कोचिंग कक्षाएं छत पर एक शेड में चल रही थीं. इस बात की जांच की जा रही है कि निर्माण कार्य अवैध तो नहीं है.

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