…वादा तो टूट जाता है. जी हां. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी वादे टूट रहे हैं. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बड़े-बड़े वादे और दावे किये. जब सरकार बनी, तो एक-एक कर वादे भूल गये. आज उनकी सरकार वही राग अलाप रही है, जो तब यूपीए सरकार गाती थी. सत्ता संभालने के महज सवा महीने के भीतर मोदी सरकार ने पांच बड़े मुद्दों पर यू-टर्न ले लिया है.
* दुश्मनों से दोस्ती
कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद से मुलाकात की, तो भाजपा ने खूब हंगामा किया. भाजपा प्रवक्ता जावड़ेकर ने मलिक की गिरफ्तारी और उनका पासपोर्ट जब्त करने के साथ कड़ी कार्रवाई की मांग की. अब भाजपा सत्ता में है. पार्टी के करीबी माने जानेवाले पत्रकार वेद प्रताप वैदिक के उसी हाफिज सईद से मिलने पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कोई कार्रवाई करने से इनकार कर कहा कि सरकार से मुलाकात की इजाजत नहीं ली थी. पत्रकार के तौर पर वह किसी से मिलने के लिए स्वतंत्र हैं.
* राज को राज रहने दो
1962 के भारत-चीन युद्ध में तत्कालीन नेहरू सरकार की चूक से संबंधित हेंडरसन ब्रूक्स-भगत की रिपोर्ट को ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार नेविल मैक्सवेल ने मार्च, 2014 में उजागर करने की कोशिशों में जुटे थे. तब यूपीए सरकार ने कहा था कि इस गुप्त रिपोर्ट को आम नहीं किया जा सकता. इस पर भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा था कि नेहरू की नाकामी को छिपाने के लिए कांग्रेस ऐसी बातें कर रही है. अब रक्षा मंत्री के तौर पर वही अरुण जेटली कह रहे हैं कि रिपोर्ट को सार्वजनिक करना देशहित में नहीं है.
* अब आये पटरी पर
वर्ष 2012 में मनमोहन सिंह सरकार ने रेल बजट से पहले रेलवे किराये में बढ़ोतरी की, तो गुजरात के सीएम के रूप में मोदी ने इसे संसद का अपमान बताया. बढ़ा किराया वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी. कुछ हफ्ते पहले मोदी सरकार ने भी वही किया, जो यूपीए ने किया था. महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सरकार ने वहां अपनी कड़वी गोली की कड़वाहट थोड़ी कम कर दी है.
* ..और महंगाई तो है ही
आम चुनावों से पहले रेडियो, टेलीविजन, अखबार और इंटरनेट पर भाजपा का नारा था, ह्यबहुत हो गयी महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार.ह्ण सत्ता में आते ही उनकी सरकार ने डीजल, रेल किराया, माल भाड़ा बढ़ा दी. सीमित घरेलू गैस सिलिंडर अब और सीमित होने जा रहे हैं. मोदी का वादा था : सत्ता में आने पर हर उपभोक्ता को साल में 24 सिलिंडर सस्ती दर पर दिलायेंगे. अब 12 सिलिंडर भी उन्हें ज्यादा लगने लगे हैं.
* क्लीन चिट कितना क्लीन!
राज्यसभा के तत्कालीन उपाध्यक्ष और कांग्रेस नेता पीजे कूरियन का नाम सूर्यनेल्ली रेप केस में आया था. तब भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने नैतिकता का हवाला देते हुए कहा था कि उन्हें जांच पूरी होने तक पद से दूर रहना चाहिए. हाल में भाजपा सरकार के केंद्रीय मंत्री निहाल चंद को दुष्कर्म मामले में अदालत ने सम्मन भेजा और महिला आयोग सहित विपक्षी दलों ने उनका इस्तीफा मांगा, तो प्रधानमंत्री ने पूरी तरह चुप्पी साध ली. भाजपा ने कहा कि इस मसले पर कुछ नहीं करेगी.
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