शाह ने कहा कि सभी ने सदन में राष्ट्रपति का भाषण सुना होगा, जिस घोषणापत्र के आधार पर हम चुनकार आए हैं उसमें भी यह बात कही गयी है. यहां जितने भी अवैध प्रवासी रहते हैं, घुसपैठिए रहते हैं, इनकी हम पहचान करने वाले हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत हम इनको निर्वासित करेंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह बात समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान के इस पूरक प्रश्न के जवाब में कही कि क्या जिस तरह से असम में एनआरसी को लागू किया जा रहा है, सरकार की योजना उसे देश के अन्य राज्यों में भी उसी तरह से लागू करने की है. इससे पहले असम गण परिषद के वीरेन्द्र प्रसाद वैश्य के पूरक प्रश्न के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय ने कहा कि सरकार असम में एनआरसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही वह यह भी सुनिश्चित करेगी कि एनआरसी की प्रक्रिया में भारत का कोई भी नागरिक नहीं छूटे तथा किसी अवैध प्रवासी को इसमें स्थान न मिल सके.
राय ने कहा कि एनआरसी को लागू करने में सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है. राय के मुताबिक, राष्ट्रपति और सरकार के पास 25 लाख से अधिक ऐसे आवेदन मिले हैं, जिनमें यह कहा गया कि कुछ भारतीयों को भारत का नागरिक नहीं माना गया है जबकि एनआरसी में कुछ ऐसे नागरिकों को भारतीय मान लिया गया है, जो बाहर से आये हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि इन आवेदनों पर विचार करने के लिए सरकार को थोड़ा समय दिया जाए. राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, असम में एनआरसी को 31 जुलाई 2019 तक प्रकाशित किया जाना है.