श्रीहरिकोटा : भारत के दूसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-2′ का सोमवार को यहां स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया गया और करीब 16 मिनट बाद भूस्थैतिक प्रक्षेपण यान ‘जीएसएलवी मार्क ।।। एम-1′ ने इसे सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया.
तीन चरणों वाले 43.43 मीटर लंबे जीएसएलवी मार्क ।।। एम-1 ने अपराह्न दो बजकर 43 मिनट पर उड़ान भरी और आसमान में छाये बादलों को चीरते हुए प्रक्षेपण के करीब 16 मिनट बाद 3,850 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया. पृथ्वी की कक्षा में स्थापित होने के साथ ही इसने भारत के महत्वाकांक्षी मिशन के पहले चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया. इसरो ने कहा कि ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर के साथ गया चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने से पहले 15 महत्वपूर्ण अभियान चरणों से गुजरेगा. यान के सितंबर के पहले सप्ताह में चांद पर उतरने की उम्मीद है.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो और भारतीयों को बधाई संदेश दिया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने चंद्रयान 2 के फायदे भी गिनाये. मोदी ने ट्वीट के साथ-साथ कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं. इसमें मोदी खड़े होकर प्रक्षेपण देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व के प्रक्षेपण के दौरान पैदा हुई गड़बड़ी से निजात पाकर वैज्ञानिकों ने अपने साहस और संकल्प को साबित किया है. प्रधानमंत्री ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के सिवन से बात की और उन्हें तथा मिशन में शामिल लोगों को बधाई देते हुए कहा कि प्रक्षेपण हर भारतीय के लिए गौरव की बात है. मोदी ने कहा, पिछले सप्ताह तकनीकी गड़बड़ी के बाद प्रक्षेपण टाल दिया गया था. आपने फुर्ती से तकनीकी गड़बड़ी का पता लगा लिया और गड़बड़ी को दूर करने के लिए कदम उठाया. और अब, एक सप्ताह के भीतर ही आपने प्रक्षेपण में सफलता पायी है. आप इसके लिए विशेष बधाई के हकदार हैं. उन्होंने कहा कि यह चुनौती लेने वाले वैज्ञानिकों के कौशल, क्षमता और आत्मविश्वास का शानदार उदाहरण है.
मोदी ने कहा, चुनौती जितनी बड़ी होती है, इरादे भी उतने ही बड़े होते हैं. मुझे बताया गया है कि एक सप्ताह की देरी के बावजूद ‘चंद्रयान-2′ के चंद्रमा पर पहुंचने की तारीख वही रहेगी. प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि मिशन की टीम पूर्व के प्रक्षेपण की चुनौतियों से निजात पाने में कामयाब रही, साथ ही कम समय में चंद्रमा पर पहुंचने का भी फैसला किया है. उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला यह पहला भारतीय अंतरिक्षयान होगा और भारत चंद्रमा पर पहुंचने वाला चौथा देश बन जायेगा. इसके साथ ही मोदी ने कहा कि यह प्रक्षेपण, चंद्रमा की सतह के बारे में इंसान के ज्ञान को बढ़ाने में मददगार होगा. इसरो प्रमुख के सिवन ने चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण की की घोषणा करते हुए कहा कि इस मिशन की सोच से बेहतर शुरुआत हुई है.
प्रक्षेपण के बाद चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में पहुंच चुका है. 16 दिनों तक यह पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चांद की तरफ बढ़ेगा. इस दौरान चंद्रयान की अधिकतम गति 10 किलोमीटर प्रति सेकंड और न्यूनतम गति 3 किलोमीटर प्रति सेकंड होगी. 16 दिनों बाद चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलेगा. इस दौरान चंद्रयान-2 से रॉकेट अलग हो जायेगा. 5 दिनों बाद चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में पहुंचेगा. इस दौरान उसकी गति 10 किलोमीटर प्रति सेकंड और 4 किलोमीटर प्रति सेकंड रहेगी. इसके बाद लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.
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