इसरो के मुताबिक चांद के करीब ले जाने के लिए चंद्रयान-2 को इस तरह के चार ऑर्बिटल एलिवेशन से गुजारा जायेगा जिसमें हर बार यान को अगली कक्षा में स्थापित किया जायेगा. ये प्रक्रिया आगामी 06 अगस्त तक चलेगी. 14 अगस्त तक चंद्रयान-2 को चंद्रमा के करीब वाली कक्षा में पहुंचा दिया जायेगा जहां से वह लैंडिंग की दिशा में आगे बढ़ेगा. आगामी 20 अगस्त को यान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करवा दिया जाएगा.
07 सितंबर को चंद्रमा पर लैंड करेगा यान
आखिरकार 07 सितंबर को यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रूव की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. गौरतलब है कि चंद्रयान-2 के तीन हिस्से हैं, ऑर्बिटर, रोवर और लैंडर. तीनों का काम बांटा गया है. ऑर्बिटर एक साल तक चंद्रमा की कक्षा की परिक्रमा करेगा. लैंडर, रोवर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करायेगा और रोवर सतह पर जांच और परीक्षण करेगा.
इन मायनों में खास है चंद्रयान-2 मिशन
चंद्रयान फिलहाल सही दिशा में आगे बढ़ रहा है वैज्ञानिक इसकी प्रोग्रेस से काफी खुश हैं. बता दें कि मिशन चंद्रयान-2 कई मामलों में एतिहासिक है. इस अभियान के तहत पहली बार कोई देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रूव तक पहुंचने वाला है. इस अभियान का नेतृत्व करने वाली दो महिलायें हैं. मुथैय्या वनिथा जहां इस अभियान की प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं वहीं ऋतु करिदल इसकी मिशन डायरेक्टर हैं.