उन्होंने कहा, हमारे पास जो कुछ भी है, उसे बचाने के लिए कश्मीरियों की जरूरत है, हमारा अपना संविधान है, हमारे पास एक ऐसा दर्जा है जो बाहर के लोगों को यहां संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं देता है. आज घाटी में जो हालात हैं, वे डरावने हैं, जम्मू कश्मीर बैंक खत्म हो चुका है और धीरे-धीरे वे सब कुछ खत्म करने की कोशिश कर रहे.
शनिवार को ही जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में अतिरिक्त 10 हजार सैनिकों की तैनाती के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाए थे. मुफ्ती ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले ने घाटी के लोगों में भय जैसा माहौल पैदा कर दिया है.
दरअसल, 25 जुलाई को गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी) के अतिरिक्त 10 हजार जवानों की तैनाती के लिए एक आदेश जारी किया था. इसका मकसद आतंकवाद रोधी (सीआई) ग्रिड को मजबूत बनाया है ताकि कानून व्यवस्था बनाई रखी जा सके. स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बंदोस्त को और सख्त करने के लिए सरकार ने ये फैसला किया है.