शिवसेना ने कहा,हमसे है मुकाबला

नयी दिल्‍ली : शिवसेना सांसदों द्वारा रोजेदार का रोजा तुड़वाने वाली घटना जंगल में आग की तरह फैलती जा रही है. इस मामले को लेकर संसद से सड़क तक चर्चा हो रही है. क्‍या शिवसेना सांसदों ने सही किया? एक ओर शिवसेना ने इस मामले को सिरे से खारिज किया है तो दूसरी ओर सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2014 10:39 AM
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नयी दिल्‍ली : शिवसेना सांसदों द्वारा रोजेदार का रोजा तुड़वाने वाली घटना जंगल में आग की तरह फैलती जा रही है. इस मामले को लेकर संसद से सड़क तक चर्चा हो रही है. क्‍या शिवसेना सांसदों ने सही किया? एक ओर शिवसेना ने इस मामले को सिरे से खारिज किया है तो दूसरी ओर सरकार से जांच की मांग की जा रही है. इस मामले में मोदी सरकार भी शिवसेना के साथ खड़ी नजर नहीं आ रही है. तो क्‍या रोजा मामले में शिवसेना अकेली खड़ी है.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में इस मामले को लेकर एक लेख प्रकाशित किया है. लेख में शिवसेना ने महाराष्‍ट्र सरकार पर आरोप लगाया है. सामना में लिखे लेख में शिवसेना ने अपने सांसदों का बचाव किया है. लेख में सांसदों के कारनामे को आंदोलन का दर्जा दिया गया है.

शिवसेना नेतृत्व ने अपने सांसदों का बचाव करते हुए लिखा है कि जो रोटी सांसद खा रहे थे वो रोटी राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर संबंधित अधिकारियों को खाना चाहिए तब जाकर हकीकत का अंदाजा होगा. शिवसेना ने कहा है कि चूंकि वो कर्मचारी मुस्लिम था इसलिए महाराष्ट्र सदन में बैठे अधिकारी और महाराष्ट्र सरकार की ओर से रोटी विवाद को तूल दिया गया.

शिवसेना ने कैंटीन ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए सामना में लिखा है कि कैंटीन में नकद पैसे लेकर खराब खाना खिलाया जाता है. लेख में लिखा गया है कि इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है. कैंटीन स्‍टॉफ के माथे पर थोड़े ही न लिखा था कि वह किस धर्म या जाति का था.

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