शर्तों के साथ कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच देगा पाक, अधिकारी से बातचीत की करेगा रिकॉर्डिंग

नयी दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का फैसला आने के बाद पाकिस्तान अपने जेल में बदं भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच देने को राजी हो गया है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरूवार को कहा था कि भारतीय उच्चायुक्त शुक्रवार को दोपहर साढ़े तीन बजे कुलभूषण जाधव से मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि पाकिस्तान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2019 11:57 AM
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नयी दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का फैसला आने के बाद पाकिस्तान अपने जेल में बदं भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच देने को राजी हो गया है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरूवार को कहा था कि भारतीय उच्चायुक्त शुक्रवार को दोपहर साढ़े तीन बजे कुलभूषण जाधव से मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि पाकिस्तान ने इसके साथ ही कुछ शर्तें रख दी हैं.

पाकिस्तान का कहना है कि भारतीय उच्चायुक्त जब कुलभूषण जाधव के साथ मुलाकात करेंगे तो उनका एक अधिकारी भी वहां मौजूद रहेगा. इसके अलावा वहां सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे. पाकिस्तान का कहना है कि वो कुलभूषण जाधव की उच्चायुक्त के साथ होने वाली बातचीत की रिकार्डिंग भी करेगा. बता दें कि पाकिस्तान पहले भी ऐसा कर चुका है जब, कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी उनसे मुलाकात करने के लिए गयीं थी.

उस मुलाकात की जो तस्वीरें सामने आयी थीं उसमें साफ देखा जा सकता था कि, कुलभूषण जाधव और उनके परिवार के बीच शीशे की दीवार लगायी गयी. आसपास काफी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगे थे और दो से तीन की संख्या में पाकिस्तानी अधिकारी वहां मौजूद रहे.

विदेश मंत्रालय ने जानकारी साझा करने से मना किया

बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में भारत और पाकिस्तान दोनों अपनी शर्तें रखते आये हैं. पाकिस्तान से इस मसले पर कुछ ज्यादा ही अड़ियल रुख अपनाया हुआ है. पाकिस्तान का कहना है कि वो उन्हीं नियमों के मुताबिक काम कर रहा है जो अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय द्वारा निर्देशित है. इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने कहा कि कुलभूषण को राजनयिक सहायता देने के विषय में लगातार पाकिस्तान के संपर्क में हैं और फिलहाल किसी भी तरह की जानकारी मीडिया के साथ साझा नहीं कर सकते.

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मिली थी भारत को जीत

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना में कार्यरत रहे कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान सीमा के पास से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था और उसकी अदालत ने कुलभूषण को फांसी की सजा सुना दी. इस फैसले के खिलाफ भारत ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में अपील किया और वियना समझौते के तहत राजनयिक पहुंच की मांग की. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में 1 के मुकाबले 15 के मत से ये माना गया कि कुलभूषण को सहायता मिलनी चाहिए और पाकिस्तान का इस तरह से सजा सुना गलत है.

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