देश डिजिटल होने की राह पर बढ़ रहा है. देश की अर्थव्यवस्था तेजी से डिजिटल होती जा रही है. हम खुले मन से ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रांजैक्शन भी कर रहे हैं. ऐसे में समाज में ऐसे भी तत्व हैं जो इस राह में भी भोले-भाले लोगों को लूटने की कोशिश में लगे हुए हैं. ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रांजैक्शन के चक्कर में कई लोग अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं.
हम अक्सर खबरो में देखते हैं कि आज किसी के अकाउंट से 50,000 रुपये निकल गए. किसी के क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग कर ली गई या फिर किसी के एटीएम कार्ड से पैसे निकल गए. ऑनलाइन लुटने वालों में वीवीआईपी से लेकर छोटे कामगार तक शामिल हैं. अभी एक दिन पहले ही पंजाब के सीएम की पत्नी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी का मामला सामने आया तो लोगों के जेहन में साइबर सिक्योरिटी का ख्याल आय़ा.
साइबर सिक्योरिटी का प्रधानमंत्री भी बार बार जिक्र करते रहते हैं. मगर, हम हैं कि सुधरते ही नहीं है. इसका कारण भी है. कारण ये कि हम में से कई लोगों को साइबर सिक्योरिटी के बारे में जानकारी ही नहीं होती है. जिन्हें जानकारी होती भी है वो लापरवाही करते हैं और धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं. बैंक भी लगातार मैसेज और मेल के जरिए अलर्ट करते रहता है मगर हम ध्यान नहीं देते.
ऑनलाइन फ्रॉड के ज्यादातर मामले में यही नजर आया है कि इसमें लापरवाही यूजर की ही होती है. साइबर ठगों ने ऑनलाइन शॉपिंग, बैंक ट्रांजेक्शन से लेकर सोशल मीडिया तक पर अड्डा जमा लिया है. थोड़ी-सी सूझ-बूझ से हम ऐसी किसी भी धोखाधड़ी से बच सकते हैं.
कैसे होता है फ्रॉड
RBI का दिशा निर्देश
भूल कर भी न करें ये काम
ऑनलाइन फ्रॉड हो जाए तो क्या करें ?