मॉनसून की स्थिति पहले से बेहतर, खरीफ बुवाई ने रफ्तार पकड़ी

नयी दिल्ली : दक्षिण-पश्चिम मॉनसून में काफी हद तक बारिश की कमी की भरपाई हो गयी है और देश भर में गर्मियों (खरीफ) में बोयी जाने वाली फसलों की बुवाई का काम अच्छी गति से आगे बढ़ रहा है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को यह बात कही. भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2019 6:13 PM
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नयी दिल्ली : दक्षिण-पश्चिम मॉनसून में काफी हद तक बारिश की कमी की भरपाई हो गयी है और देश भर में गर्मियों (खरीफ) में बोयी जाने वाली फसलों की बुवाई का काम अच्छी गति से आगे बढ़ रहा है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को यह बात कही. भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) ने कुल मिलाकर मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान व्यक्त किया है. हालांकि, आठ अगस्त तक बारिश सामान्य स्तर से पांच प्रतिशत कम थी.

तोमर ने संवाददाताओं से कहा, ‘मॉनसून आने में थोड़ी देरी हुई और कुछ चिंता पैदा हुई. अब बारिश की स्थिति में सुधार हुआ है. बारिश की कमी की काफी भरपाई हो गयी है.’ उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि कुल मिलाकर बरसात की स्थिति बेहतर हो जायेगी और खरीफ फसलों के तहत बुवाई रकबे में कमी को पूरा कर लिया जायेगा. बुवाई का काम अच्छी तरह से प्रगति कर रहा है.’

महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में बाढ़ की स्थिति पर मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की स्थिति की बारीकी से नजर है. धान और दलहन जैसी खरीफ फसलों की बुवाई जून में मॉनसून के आरंभ के साथ होती है और कटाई का काम अक्टूबर से शुरू होता है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के ताजा बुवाई आंकड़ों के अनुसार, खरीफ की सभी फसलों की बुवाई का कुल रकबा साल भर पहले के 918.70 लाख हेक्टेयर के मुकाबले कम यानी 869.55 लाख हेक्टेयर ही है.

कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा, ‘समग्र बुवाई रकबे में जो कमी थी, वह पिछले सप्ताह की तुलना में काफी बेहतर हुई है. अब कमी की काफी हद तक भरपाई हो गयी है.’ उन्होंने कहा कि धान बुवाई का रकबा अभी भी कम है और आने वाले हफ्तों में स्थिति बेहतर होगी, क्योंकि बुवाई सितंबर के पहले सप्ताह तक चलेगी.

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र में अब तक धान बुवाई का रकबा 265.20 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल की समान अवधि में 304.18 लाख हेक्टेयर था. सचिव ने कहा कि दलहन बुवाई के रकबे में सुधार हुआ है, लेकिन तिलहन का रकबा अभी भी कम है और आने वाले दिनों कमी की भरपाई हो जायेगी.

आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष खरीफ सत्र में 115.39 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई की गयी है. पिछले साल इसी अवधि में 121.39 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई हुई थी. तिलहन की बुवाई 157.17 लाख हेक्टेयर में की गयी है, जो पिछले साल की समान अवधि में 162.52 लाख हेक्टेयर था.

समीक्षाधीन अवधि में मोटे अनाज की बुवाई 153.92 लाख हेक्टेयर में की गयी है. पिछले साल की समान अवधि में यह रकबा 162.52 लाख हेक्टेयर था. व्यावसायिक फसलों के मामले में, चालू खरीफ सत्र में गन्ने की बुवाई का रकबा 52.30 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल 55.45 लाख हेक्टेयर था.

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