मध्य प्रदेश : RTI अर्जी पर दो अफसरों ने नहीं दी जानकारी, अब देना होगा ढाई-ढाई लाख रुपये जुर्माना

भोपाल : मध्य प्रदेश के सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने आरटीआई अर्जियों पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने को लेकर सूबे के दो सरकारी अधिकारियों को ढाई-ढाई लाख रुपये जुर्माने के नोटिस जारी किये हैं. सूचना आयुक्त तिवारी ने उमरिया जिले की चंदिया नगर पालिका के अधिकारियों (विनोद चतुर्वेदी और नरेंद्र कुमार पांडेय) को ढाई-ढाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2019 5:28 PM
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भोपाल : मध्य प्रदेश के सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने आरटीआई अर्जियों पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने को लेकर सूबे के दो सरकारी अधिकारियों को ढाई-ढाई लाख रुपये जुर्माने के नोटिस जारी किये हैं. सूचना आयुक्त तिवारी ने उमरिया जिले की चंदिया नगर पालिका के अधिकारियों (विनोद चतुर्वेदी और नरेंद्र कुमार पांडेय) को ढाई-ढाई लाख रुपये के जुर्माने के नोटिस जारी किये हैं.

तिवारी ने कहा कि बार-बार अवसर दिये जाने के बावजूद लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) यह स्पष्ट करने में असफल रहे कि मामूली सी जानकारी के निवारण में तीन साल से अधिक का विलंब क्यों हुआ? राज्य सूचना आयोग के पिछले आदेशों पर कोई गौर नहीं किया गया. अपील करने वाले अनुपम मिश्रा ने मार्च, 2016 में 10 अलग-अलग आवेदन दिये थे, लेकिन तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी नरेंद्र कुमार पांडेय ने 30 दिन की तय सीमा में जानकारी नहीं दी और न ही कोई निर्णय लिया. प्रकरण को अनावश्यक तरीके से लंबित रखा. यहां तक कि जुलाई, 2016 में प्रथम अपील आदेश के बावजूद उन्हें जानकारी नहीं मिली.

वहीं, दूसरी अपील में आयोग के आदेश की अवहेलना का दोषी लोक सूचना अधिकारी विनोद चतुर्वेदी को पाया गया है, जिन्होंने खुद पेश होने की बजाय अपने प्रतिनिधि के जरिये कुछ प्रकरणों में अपीलार्थी को जानकारी देने का प्रमाण भेजा, लेकिन वह यह स्पष्ट करने में असफल रहे कि प्रकरण के समाधान में तीन वर्ष से अधिक का विलंब क्यों हुआ? तिवारी ने कहा कि यह टालमटोल का लापरवाहीपूर्ण और खानापूर्ति करने का अलोकप्रिय सरकारी रवैया है.

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