गोपीनाथ मुंडे से लेकर जेटली तक…. पांच साल में BJP ने खो दिए अपने तमाम दिग्गज नेता, अगस्त का महीना अशुभ

नयी दिल्लीः कहा जाता है कि किसी पार्टी की सियासी जमीन को तैयार करने में उसके नेता और कार्यकर्ताओं का बहुत अहम किरदार होता है. लेकिन अगर उस पार्टी के शीर्ष नेता ही बीच रास्ते में साथ छोड़कर चले जाए, तो उस राजनीतिक दल का काफी नुकसान होता है. कुछ ऐसा ही बीते एक साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2019 9:42 AM
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नयी दिल्लीः कहा जाता है कि किसी पार्टी की सियासी जमीन को तैयार करने में उसके नेता और कार्यकर्ताओं का बहुत अहम किरदार होता है. लेकिन अगर उस पार्टी के शीर्ष नेता ही बीच रास्ते में साथ छोड़कर चले जाए, तो उस राजनीतिक दल का काफी नुकसान होता है. कुछ ऐसा ही बीते एक साल में देश की सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में शुमार भारतीय जनता पार्टी के साथ हुआ है.

भाजपा अभी सुषमा स्वराज के अचानक मौत से उबर भी नहीं पाई थी कि पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली का शनिवार दोपहर निधन हो गया. बीजेपी ही नहीं बल्कि पूरी राजनीतिक जमात जेटली के निधन से दुखी है. जेटली के निधन से पूरे देश में शोक का माहौल है.

बीते पांच साल से केंद्र में एनडीए की सरकार है. नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन बीते पांच में भाजपा को राजनीतिक रूप से काफी तगड़ा झटका भी लगा है. पिछले करीब एक साल के भीतर बीजेपी ने अपने पांच दिग्गज नेताओं को खो दिया है. इनमें से चार चेहरे तो ऐसे थे जो 2014 की नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. इनमें एक शख्सियत ऐसी भी रही जिसने न सिर्फ पार्टी को खड़ा किया बल्कि पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया.

बीते पांच साल में जिन नेताओं का निधन हुआ उनमें गोपीनाथ मुंडे, मनोहर पर्रिकर, अटल बिहारी वाजपेयी,सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, बलरामजी दास टंडन, अनंत कुमार, मदन लाल खुराना, बाबू लाल गौड़ और मांगे राम गर्ग का नाम शामिल है. अगर गौर करें तो पता चलता है कि भाजपा के लिए अगस्त का महीना अशुभ साबित हो रहा है. तमाम भाजपा दिग्गजों का निधन अगस्त में ही हुआ है. आइए जानते हैं सभी के बारे में ….

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