इसके बाद सीताराम येचुरी ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर श्रीनगर जाने की अनुमित मांगी थी. उन्होंने कहा था कि वो अपनी पार्टी के अस्वस्थ पूर्व विधायक युसूफ तारिगामी से मिलने के लिए जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि वे अपने कॉमरेड से मिलने जा रहे हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो केवल अपनी पार्टी के नेता से मिलेंगे. किसी भी अन्य राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेंगे. ऐसा करना कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन माना जाएगा.
राजनाथ सिंह लद्दाख पहुंचे
गौरतलब है कि केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी आज लद्दाख के दौरे पर हैं. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद रक्षामंत्री का ये पहला दौरा है. घाटी में सुरक्षा और विकास कार्यों की रुपरेखा के मद्देनजर राजनाथ सिंह का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है. इससे पहले मंत्रालय की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल वहां भेजा गया जो विकास कार्यों की संभावना से संबंधित अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. बता दें कि बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि घाटी में ऐसा विकास होगा कि उस पार (पीओके) के लोग सोचेंगे कि काश हम वहां होते. उन्होंने कहा कि, राज्य में 50 हजार युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी.
सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम से भी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का विकास होगा. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों में मुस्लिम, बौद्ध, सिख हैं और यहां अल्पसंख्यक मंत्रालय की भूमिका बढ़ जाती है.
पांच जिलों में बहाल हुई मोबाइल सेवा
बता दें कि गुरूवार की सुबह जम्मू क्षेत्र के पांच जिलों में मोबाइल फोन सेवा पुन: बहाल कर दी गई थी. यहां बीते 05 अगस्त से ही मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया था. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इस फैसले के तर्क में कहा था कि, आतंकवादी या अवांछित तत्व इसका इस्तेमाल अफवाह या अशांति फैलाने के लिए ना करें इसलिए सेवाओं को बंद किया गया था. उन्होंने कहा कि, जैसे-जैसे हालात सामान्य होते जाएंगे, मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं को पूर्ववत बहाल कर दिया जाएगा.