नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सोमवार को एक घंटा अतिरिक्त सुनवाई की जायेगी.
राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई कर रही प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दोनों पक्षों के वकीलों से कहा कि उसने 23 सितंबर को सामान्य प्रक्रिया के तहत शाम चार बजे की बजाय पांच बजे उठने का निर्णय लिया है. पीठ ने इस प्रकरण के हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों के वकीलों से कहा, हम सोमवार (23 सितंबर) को एक घंटा अतिरिक्त बैठ सकते हैं. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.
शीर्ष अदालत ने इस प्रकरण की सुनवाई 18 अक्तूबर तक पूरी करने का निश्चय किया है ताकि उसे करीब चार सप्ताह का समय फैसला लिखने के लिए मिल जाये. संविधान पीठ अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर बराबर बांटने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से रोजाना सुनवाई कर रही है. न्यायालय का यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में 130 साल से भी अधिक पुराने इस विवाद में नवंबर के मध्य तक शीर्ष अदालत का सुविचारित निर्णय आ जाने की उम्मीद है.
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