पुणे:पुणे के मालिन गांव में हुए भूस्खलन में अबतक मरने वालों की संख्या बढकर 63 हो गई. वहीं एनडीआरएफ कर्मी खराब मौसम और विषम हालात में तीसरे दिन भी मलबे के नीचे दबे जीवित लोगों को ढूंढने में लगे हैं.
जिला कलेक्टर नियंत्रण कक्ष के मुताबिक अभी तक 25 पुरुष, 28 महिला और 10 बच्चे सहित 63 लोगों की भूस्खलन में मौत हुई है जबकि आठ घायल लोगों को सुरक्षित निकाला गया है जिनका इलाज पास के अस्पतालों में चल रहा है.
राहत एवं बचाव कार्य की कोशिशों में लगे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 300 कर्मी खराब मौसम और विषम परिस्थितियों के बावजूद मलबे के नीचे दबे जीवित लोगों को ढूंढ रहे हैं. हालांकि, भूस्खलन के 48 घंटे बाद अम्बेगांव तालुका के इस गांव में उनके बचे होने की संभावना धीरे धीरे क्षीण होती जा रही है.
लगातार बारिश से राहत एवं बचाव कार्य में बाधा आ रही है. बचाव कार्य बुधवार सुबह से चलाए जा रहे हैं जब एक भीषण भूस्खलन होने से 160 बाशिंदे वाले 44 मकान मलबे के नीचे दब गए.
एनडीआरएफ के जवान मिट्टी हटाने की मशीन (जेसीबी) और डंपर बडी ही सावधानी से चला रहे हैं ताकि मलबे के नीचे दबे एवं जीवित बचे लोग सुरक्षित निकाले जा सकें.30 जुलाई को हुए इस भूस्खलन से गीली मिट्टी एवं चट्टानों के मलबे नीचे आने के बाद 100 से अधिक लोगों के अभी भी मलबे के नीचे दबे होने की आशंका जताई जा रही है.
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की आज घोषणा की.
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