भोपाल : केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पैतृक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने नेहरूवादी और वामपंथी इतिहासकारों पर भारत के इतिहास को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है और प्राचीन ऋषि परंपरा को जीवित रखने पर जोर दिया है.
भोपाल में चल रहे संघ के अखिल भारतीय चिंतन शिविर में हिस्सा लेने आये भागवत ने हिंदू राष्ट्र की अवधारणा विषय पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि नेहरूवादी और वामपंथी इतिहासकारों ने इस देश के इतिहास व समाजशास्त्र को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. इन्हीं लोगों ने समाज तक सही सूचनाएं नहीं पहुंचने दीं. यहां तक कि संघ से संबंधित 109 फाइलों का कोई पता नहीं है. उन्हें आशंका है कि या तो इन फाइलों को नष्ट कर दिया गया है या गायब.
भागवत ने कहा कि यह अवधारणा 1947 से नहीं शुरू हुई, बल्किसदियों पुरानी है, जिसे ऋषियों-मुनियों और सुधारकों ने जीवित रखा तथा मजबूती प्रदान की. भागवत ने पश्निम की नेशन की अवधारणा की चर्चा करते हुए कहा कि वहां यह अवधारणा राज्य, आर्थिक, धार्मिक, जनजातियों और इसी तरह के मसलों से निकल कर आती है, वहीं भारत में राष्ट्र की अवधारणा हमारी सांस्कृतिक पहचान से बनी है.
यह आपस में लोगों को जोड़ती है, न कि दूर करती है. भागवत ने आगे कहा कि संघ के संस्थापक डॉ हेगडेवार ने लोगों के बीच मौलिक दर्शन पहुंचाया. उन्होंने कुछ नया नहीं किया था, बल्कि ऋ षि परंपरा को जीवित रखा. यही काम विवेकानंद व अरविंदो और बुद्ध से लेकर कबीर और शंकरदेव ने किया है. संघ का चार दिवसीय अखिल भारतीय चिंतन शिविर भोपाल के ठेंगड़ी भवन में चल रहा है, इसमें संघ के बड़े पदाधिकारियों से लेकर प्रचारक हिस्सा ले रहे हैं. इस शिविर में समान नागरिकता, धारा 370 और राममंदिर जैसे मसलों पर चर्चा की संभावना है.
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