मुंबई : महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को बताया कि उसने राज्य की नौ सिंचाई परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं की जांच बंद कर दी है. एजेंसी ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि ये मामले उप मुख्यमंत्री अजित पवार से जुड़े हुए नहीं हैं.
एसीबी ने यह सफाई विपक्षी कांग्रेस के इस दावे के बाद दी कि दो दिन पहले सरकार बनाने में भाजपा की मदद करने की वजह से अजित पवार को दोषमुक्त कर दिया गया है. एसीबी अधिकारियों ने कहा कि 2013 में हुए सिंचाई घोटाले से जुड़े ऐसे किसी भी मामले को बंद नहीं किया गया है जिनमें कथित तौर पर अजित पवार का नाम है. महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो नेकहा, हम सिंचाई संबंधी शिकायतों में लगभग 3000 निविदाओं की जांच कर रहे हैं. ये नियमित पूछताछ हैं जो बंद हैं और सभी चल रही जांच जारी है. महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक परमबीर सिंह ने कहा कि अगर कोर्ट जांच के आदेश देगा या कुछ नये सबूत सामने आते हैं तो हम जांच करने के लिए तैयार हैं.
उधर, इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, भाजपा-अजित पवार द्वारा महाराष्ट्र के प्रजातंत्र चीरहरण अध्याय की असलियत उजागर. एक नाजायज सरकार द्वारा ऐंटी करप्शन ब्यूरो को सब मुकदमे बंद करने का आदेश. खायेंगे और खिलायेंगे भी, क्योंकि यह ईमानदारी के लिए जीरो टोलरेंस वाली सरकार है. मोदी है तो मुमकिन है. गाैरतलबहैकि राकांपा नेता अजित पवार सिंचाई घोटाले को लेकर आरोपों के घेरे में हैं. इस मामले में हाल ही में अजित पवार से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पूछताछ की थी. इसमें आरोप लगा था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के शासनकाल के दौरान 1999-2000 में 35 हजार करोड़ रुपये की अनियमिततताएं सामने आयीं थीं. माना जा रहा था कि अजित पवार से ईडी पूछताछ कर सकता है.
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