दिल्ली में हिंसा : भाजपा ने केजरीवाल को घेरा, आप का आरोपों से इनकार

नयी दिल्ली : भाजपा ने रविवार को दक्षिणी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को जिम्मेदार ठहराया और मांग की कि वह लोगों को उकसाना बंद करे. हालांकि, आप ने इससे इनकार किया.... दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने एक ट्वीट में कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2019 9:23 PM
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नयी दिल्ली : भाजपा ने रविवार को दक्षिणी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को जिम्मेदार ठहराया और मांग की कि वह लोगों को उकसाना बंद करे. हालांकि, आप ने इससे इनकार किया.

दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने एक ट्वीट में कहा कि आप के एक विधायक जनता को उकसा रहे थे. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गद्दार करार दिया. उन्होंने कहा, अरविंद केजरीवाल के इशारे पर आप का विधायक जनता को भड़का रहा है. भारत का मुसलमान भारत के साथ है, तुम जैसे गद्दारों की बातों में आने वाला नहीं. लोगों को उकसाना बंद करो. दिल्ली की जनता गद्दारों को सबक सिखायेगी. आप का पाप सामने आ रहा है. यद्यपि ओखला विधायक अमानतुल्ला खान जिनकी तरफ तिवारी का इशारा था, उन्होंने आरोपों से इनकार किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, कुछ टेलीविजन चैनलों ने समाचार चलाये हैं कि मेरे नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने बसों को आग लगायी जो कि गलत है. मैंने शाहीन बाग के पास प्रदर्शन किया जहां कुछ भी नहीं हुआ.

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने हिंसा की तुलना गोधरा हमलों से की और आप सरकार पर इसके पीछे होने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा किसी आतंकवादी हमले से कम नहीं है. उन्होंने कहा, यह एक आतंकवादी हमला है. किसी बस को आग लगाना जिसमें एक सीएनजी सिलेंडर है, का मतलब है कि किसी बड़े विस्फोट की साजिश थी. आप इसे एक आतंकवादी हमला नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे? यह अमानतुल्ला खान द्वारा शुरू किया गया था. वे दिल्ली में गोधरा घटना को दोहराना चाहते हैं.

केजरीवाल ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा अस्वीकार्य है और प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहने चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया, किसी को भी हिंसा में लिप्त नहीं होना चाहिए. किसी भी तरह की हिंसा अस्वीकार्य है. प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहने चाहिए. प्रदर्शन नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहा था जिसमें तीन पड़ोसी देशों से आये गैर मुस्लिमों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है, जो धार्मिक प्रताड़ना की वजह से भारत आये हैं.

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