नयी दिल्ली : निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के चार दोषियों में से एक के वकील ने बुधवार को कहा कि उनके पास राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर करने से पहले उच्चतम न्यायालय में सुधारात्मक याचिका दायर करने का विकल्प उपलब्ध है.
इस सनसनीखेज अपराध में मौत की सजा पाने वाले मुकेश कुमार के वकील मनोहर लाल शर्मा ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के नौ जुलाई, 2018 के आदेश के खिलाफ सुधारात्मक याचिका दायर करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं. इस आदेश के तहत न्यायालय ने दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी. शर्मा ने कहा, दया याचिका दायर करने का सवाल तो तब उठेगा जब मैं सुधारात्मक याचिका के विकल्प का इस्तेमाल कर लूंगा. पुनर्विचार याचिका खारिज हो जाने के बाद भी व्यक्ति के पास सुधारात्मक याचिका दायर करने का विकल्प रहता है और इस तरह से दायर याचिका पर सामान्यतया चैंबर में ही विचार किया जाता है.
शर्मा ने कहा कि वह निर्भया मामले के संबंध में अलग-अलग जगहों पर चल रही गतिविधियों पर निगाह रख रहे हैं. अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के तुरंत बाद मुकेश के अधिवक्ता शर्मा ने यह बयान दिया. इस बीच, दिल्ली की एक अदालत ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एक सप्ताह के भीतर चारों मुजरिमों से जानकारी प्राप्त कर बतायें कि क्या वे राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर रहे हैं. शीर्ष अदालत ने पिछले साल नौ जुलाई को मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिकाएं खारिज करते हुए कहा था कि उसे 2017 के अपने फैसले पर विचार करने का कोई आधार नजर नहीं आता.
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