26 दिसम्बर गुरुवार पौष कृष्ण अमावस्या को 2019 यानी इस साल का अंतिम सूर्यग्रहण लग रहा है, जो विदेशों के अलावा पूरे भारत में दिखाई देगा. भारत के अधिकांश भागों से यह खण्डग्रास के रूप में दिखाई देगा, जबकि दक्षिणी भारत के कुछ क्षेत्रों में यह कंकणाकृतियानी अंगूठी की तरह दिखाई दे सकता है.
जानें सूतक से मोक्ष का समय
काशी से प्रकाशित पंचांग के अनुसार, पौष कृष्णपक्ष अमावस्या को होनेवाला सूर्यग्रहण मूल नक्षत्र और धनुराशि पर और वरुण मंडल में होगा. भारतीय मानक समयानुसार ग्रहण का प्रारंभ ग्रहण का स्पर्श प्रातः 8:21 पर, मध्य 9:40 पर और मोक्ष 11:14 पर होगा. काशी में ग्रहण अवधि यानी ग्रहण पर्व काल 2 घंटा 53 मिनट का है, वहीं ग्रास मान 6 अंगुल 42 व्यंगुल का होगा. इस दौरान किया गया जप, पाठ, कीर्तन विशेष फलदायी होंगे. सूर्यग्रहण का सूतक 25 दिसंबर रात्रि 8 बजकर 10 मिनट पर लग जाएगा.
भूकंप, सुनामी की आशंका
यह ग्रहण भारत के साथ पूर्वी यूरोप, एशिया, उत्तरी/पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में दिखाई देगा. यह सूर्यग्रहण खाड़ी देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, चीन और पूर्वी एशिया के बड़े हिस्से में दिखाई देगा. पौष के महीने में पड़ने वाले इस सूर्य ग्रहण से एक दिन पहले मंगल राशि परिवर्तन करके जल-तत्व की राशि वृश्चिक में प्रवेश करेंगे, ऐसे में ग्रहण के 3 से 15 दिनों के भीतर प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, सुनामी और खूब बर्फबारी होने की आशंका है.
षडग्रही योग में पड़ रहा सूर्यग्रहण
इस बार में सूर्यग्रहण की खास बात यह होगी कि यह ग्रहण षडग्रही योग में पड़ रहा है. यानी एक ही राशि में एक साथ छह ग्रह रहेंगे. ग्रहण धनु राशि व मूल नक्षत्र में होगा. 26 को धनु राशि में ही षडग्रही योग बन रहा है. इस दिन धनु राशि में शनि, गुरु, केतु, सूर्य, बुध और चंद्रमा ग्रह विराजमान होंगे. षडग्रही योग में सूर्यग्रहण का प्रभाव सभी राशियों के जातकों को प्रभावित करेगा, साथ ही देश में ग्रहों की चाल के साथ बाजार को भी प्रभावित करेगा.
किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- मेष : परेशानी, अपमान
- वृष: वाहन कष्ट, रोग
- मिथुन : स्त्री कष्ट, नुकसान
- कर्क : उन्नति, लाभ
- सिंह : तनाव, संतान पीड़ा
- कन्या : रोग, कष्ट
- तुला: प्रतिष्ठा, लाभ
- वृश्चिक : नुकसान, नया निवेश
- धनु : शारीरिक कष्ट
- मकर : व्यय, धोखा
- कुंभ : आय, वाहन लाभ
- मीन : स्त्री सुख, पद प्राप्ति
जिनके लिए शुभ, वे करें जाप; ये लोग देखने से बचें
जिन राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण शुभ बताया गया है, वे ग्रहण के समय महामृत्युंजय, गायत्री मंत्री या अपने गुरु द्वारा दिये गए मंत्र का जाप कर सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं. यह दिन सिद्धि प्राप्ति के लिए विशेष माना गया है.
जिन राशि के लिए ग्रहण शुभ नहीं है, उन राशि के लोगों को ग्रहण दर्शन नहीं करना चाहिए. ग्रहणकाल में जप, साधना करने से अशुभ प्रभाव कम होता है. इसलिए ग्रहण के समय में जप साधनाऔर भजन अवश्य करें. सूर्यग्रहण देखने से बचें जिससे उन पर होने वाले अशुभ प्रभाव से बच सकें. मेष, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु, मकर के लिए सूर्यग्रहण ठीक नहीं है.
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