नयी दिल्ली : जेएनयू में नकाबपोश लोगों के हमले के खिलाफ गुरुवार को प्रदर्शन कर रहे छात्रों को राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च करने का प्रयास करते समय पुलिस ने रोक दिया और बाद में हिरासत में ले लिया.
पुलिस ने जनपथ पर यातायात रोकने का प्रयास करती भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज भी किया. पुलिस ने लाउडस्पीकरों से भीड़ से शांति बरकरार रखने की भी अपील की. छात्रों के राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ने का प्रयास करने से पहले, जेएनयू छात्र संघ और जेएनयू शिक्षक संघ ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर कुलपति एम जगदीश कुमार को पद से हटाने की भी मांग की. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ बैठक के बाद जेनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि जब तक कुलपति एम जगदीश कुमार को नहीं हटाया जाता किसी भी तरह की बात नहीं होगी और अगर मंत्रालय बात करना है तो विश्वविद्यालय कैंपस में आये.
बैठक के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाना समस्या का समाधान नहीं है. मानव संसाधन विकास (एचआरडी) सचिव अमित खरे ने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी छात्रों के इस दावे पर शुक्रवार को कुमार से फिर बात करेंगे कि संशोधित शुल्क को लागू नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी कुमार से मुलाकात के बाद जेएनयू छात्र संघ से भी बातचीत करेंगे.
मंडी हाउस से नकाले गये छात्रों के मार्च में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हुए. मार्च को शास्त्री भवन के पास रोक दिया गया. इलाके में धारा 144 लागू कर दी गयी. इस प्रदर्शन में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, बृंदा करात, सीपीआई महासचिव डी राजा,राजद नेतामनोज झा और लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव भी शामिल हुए. बृंदा करात ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, लोगों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है.
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