उन्होंने कहा कि विफलता कोई भी पसंद नहीं करता, लोग उस समय भी विफल नहीं होना चाहते जब उन्हें पता होता है कि विफल होना जरूरी और अच्छा है क्योंकि इससे शर्मिंदगी होती है. बेजोस ने कहा कि कई बार हमें लगता है कि हमारा विचार अच्छा है लेकिन कोई उसकी ओर आकर्षित नहीं होता. अमेजन प्रमुख ने कहा कि एक कामयाबी, एक विजेता दर्जनों नाकामियों की भरपाई कर देता है.
उन्होंने उद्यमियों को यह भी बताया कि वह किस तरह से बचपन में 4 से 16 आयु के दौरान अपने दादा के पशु फार्म में गर्मियां बिताते थे. उन्होंने कहा कि मैंने अपने दादा से बहुत सीखा और मुझे लगता है कि ग्रामीण क्षेत्र में बहुत से व्यक्ति इस तरह के होते हैं. वे संसाधन सम्पन्न और आत्मनिर्भर होते हैं. दादा का मेरे मन पर बड़ा असर पड़ा है.
अमेजन द्वारा आयोजित इस दो दिन के कार्यक्रम में पहले दिन इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और फ्यूचर समूह के प्रमुख किशोर बियानी जैसी हस्तियां भी शामिल हुईं. नारायण मूर्ति इस कार्यक्रम के देर से शुरू होने से खिन्न दिखे. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में ही इसे जाहिर भी किया और उन्हें विलंब की आदत नहीं है.
उन्होंने बेजोस के इस वक्तव्य की तारीफ की कि 21वीं सदी भारत की होगी. साथ में यह भी कहा कि इस बात को सच साबित करने का दायित्व भारत के लोगों का है. मूर्ति ने कहा कि भारत में 85 प्रतिशत कारोबार असंगठित क्षेत्र में होता है. बाकी के 15 प्रतिशत में 10 प्रतिशत योगदान एसएमबी (लघु एवं मझोले उद्यम) और पांच प्रतिशत बड़ी कंपनियों का है.