नयी दिल्ली :उच्चतम न्यायालय निर्भया बलात्कार मामले में मौत की सजा पाए एक दोषी के नाबालिग होने के दावे पर उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर 20 जनवरी को सुनवाई करेगा.
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले एक दोषी ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने दिसंबर 2012 में अपराध के समय उसके नाबालिग होने के दावे को खारिज कर दिया था.
दोषी पवन कुमार गुप्ता ने उच्च न्यायालय के 19 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने फर्जी दस्तावेज जमा करने और अदालत में हाजिर नहीं होने के लिए उसके वकील एपी सिंह की निंदा करने पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया था. बता दें कि निर्भया केस के दोषी पवन कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर दावा किया था कि दिसंबर 2012 में घटना के समय वह नाबलिग था. अदालत ने इस मुद्दे पर सुनवाई टालने का आदेश दिया था, लेकिन निर्भया के घरवालों के विरोध के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए उसकी याचिका को खारिज कर दिया था.
घटना के समय नाबालिग घोषित करने का अनुरोध करते हुए पवन ने आरोप लगाया था कि जांच अधिकारी ने उसकी उम्र का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच नहीं की. उसने जुवेनाइल जस्टिस कानून के तहत छूट का दावा किया था. उसने अनुरोध किया था कि संबंधित प्राधिकरण को उसके नाबालिग होने के दावे का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच करने का निर्देश दिया जाये.
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