नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में फांसी की सजा पाये चार दोषियों के विरुद्ध मौत का फरमान जारी करने वाले सत्र न्यायाधीश का स्थानांतरण कर दिया गया है.
दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से पटियाला हाउस अदालत के जिला न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा गया है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा का स्थानांतरण एक वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति के आधार पर उच्चतम न्यायालय में अतिरिक्त रजिस्ट्रार के पद पर किया गया है. स्थानांतरण से पहले अरोड़ा निर्भया बलात्कार मामले के अलावा अन्य मामलों की सुनवाई कर रहे थे. इनमें वे मामले भी शामिल हैं जो दिल्ली पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ ने दर्ज कराये थे. इसमें कहा गया है कि मामले को जल्द ही किसी अन्य न्यायाधीश को सौंपे जाने की संभावना है जो अदालतों में निर्भया मामले से संबंधित किसी याचिका की सुनवाई करेंगे.
बीस जनवरी के इस पत्र में अरोड़ा को तुरंत प्रभाव से पद मुक्त करने को कहा गया है. अदालत की ओर से जारी अंतिम फैसले के अनुसार, निर्भया मामले के सभी चार दोषियों विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31), मुकेश कुमार सिंह (32) और पवन (25) को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाया जाना है. दक्षिणी दिल्ली में 16-17 दिसंबर 2017 के बीच की रात में एक चलती बस में 23 साल की पैरा मैडिक छात्रा निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार कर क्रूरतापूर्वक हमला किया गया और उसे बस से बाहर फेंक दिया गया. बाद में उपचार के दौरान सिंगापुर में मौत हो गयी.
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