Nirbhaya Case: निर्भया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विनय की फांसी का रास्ता किया साफ, याचिका की खारिज

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज किये जाने के खिलाफ दायर उसकी याचिका को खारिज कर दिया. इस तरह, शीर्ष अदालत ने उसे फांसी दिये जाने का रास्ता साफ कर दिया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2020 9:37 PM
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नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज किये जाने के खिलाफ दायर उसकी याचिका को खारिज कर दिया. इस तरह, शीर्ष अदालत ने उसे फांसी दिये जाने का रास्ता साफ कर दिया है. अदालत ने शर्मा की इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि राष्ट्रपति ने उसकी दया याचिका खारिज करते समय सारे तथ्यों पर विचार नहीं किया और यह ‘दुर्भावनापूर्ण’ तरीके से किया गया.

अदालत ने कहा कि जब उच्चतम संवैधानिक प्राधिकार (राष्ट्रपति) ने दया याचिका के साथ पेश किये गये विभिन्न दस्तावेजों पर गौर करते हुए दया याचिका खारिज करने का फैसला किया. ऐसे में, यह दलील नहीं दी जा सकती कि उच्चतम संवैधानिक प्राधिकार ने तथ्यों पर विचार नहीं किया.

न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने विनय कुमार शर्मा की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसमें दया याचिका खारिज करने के आदेश की न्यायिक समीक्षा का कोई आधार नहीं है. शीर्ष अदालत ने इससे पहले मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे एक और दोषी मुकेश कुमार सिंह (32) की इसी तरह की याचिका खारिज कर दी थी.

तीसरे दोषी अक्षय कुमार (31) की दया याचिका भी खारिज की जा चुकी है, लेकिन उसने अब तक इसे चुनौती नहीं दी है. वहीं, चौथे दोषी पवन गुप्ता (25) द्वारा अपने कानूनी विकल्पों (जैसे कि सुधारात्मक याचिका दायर करने) का इस्तेमाल करना बाकी है. निचली अदालत ने 31 जनवरी को अगले आदेश तक के लिये चारों दोषियों (मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार) को फांसी देने पर रोक लगा दी थी. ये चारों दोषी इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जायेगी और अलग-अलग नहीं. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति के समक्ष शर्मा की मेडिकल रिपोर्ट सहित सारी सामग्री पेश की गयी थी और उन्होंने दया याचिका खारिज करते समय सारे तथ्यों पर विचार किया था. शीर्ष अदालत ने मेडिकल रिपोर्ट के मद्देनजर शर्मा की इस दलील को भी अस्वीकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है. अदालत ने कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार, उसकी सेहत ठीक है.

र्भया से 16-17 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और दरिंदगी के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया था. निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गयी थी. मामले के छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी, जबकि छठा आरोपी किशोर था, जिसे तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया.

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