”मन की बात” में बोले पीएम मोदी- हुनर हाट लोगों के सपनों को पंख दे रहा

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में हुनर हाट मेला का जिक्र करते हुए इसे कला के साथ ही रोजगार का सबसे बड़ा माध्यम बताया. प्रधानंमत्री ने इस मेले की विविधता का भी जिक्र किया. साथ ही प्रधानमंत्री ने मेले में लगे बिहार के लिट्टी चोखा का भी उल्लेख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2020 11:22 AM
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नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में हुनर हाट मेला का जिक्र करते हुए इसे कला के साथ ही रोजगार का सबसे बड़ा माध्यम बताया. प्रधानंमत्री ने इस मेले की विविधता का भी जिक्र किया. साथ ही प्रधानमंत्री ने मेले में लगे बिहार के लिट्टी चोखा का भी उल्लेख किया.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हुनर हाट मेला में मुझे बताया गया कि इस मेले में 50 प्रतिशत दुकान महिलाओं द्वारा लगाया जा रहा है, प्रधानमंत्री ने हुनर हाट मेला से तीन लाख लोगों को रोजगार मिलने की बात भी कही. प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि मैंने वहां देखा कि कैसे लोग चंद्रयान-2 प्रक्षेपण के वक्त उत्साहित थे. उन्होंने कहा कि देश के सभी प्रधानाध्यपकों से मैं अपील करना चाहूंगा कि वे अपने विद्यार्थियों को श्रीहरिकोटा का प्रक्षेपण दिखायें.

प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं में विज्ञान के प्रति बढ़ रहे रुचि को देश की नया सोच बताया. उन्होंने कहा कि देश अब नये रास्ते पर चल पड़ा है. उन्होंने कार्यक्रम में बिहार के पूर्णिया में महिलाओं द्वारा संचलित मलबड़ी-उत्पादन समूह का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्णिया के महिला समूह की कहानी देशभर की महिलाओं के लिये प्रेरणास्रोत है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्णिया की महिलाएं पहले शहतूत से साड़ी बनाती थी, लेकिन उसके बिक्री में उन्हें सही रकम नहीं मिलता था, लेकिन महिलाओं ने अपना एक समूह बनाया, जिससे आज उन्हें अपनी साड़ी की सही रकम मिलती हैं.

वहीं प्रधानमंत्री ने केरल 105 वर्षीय भागिरथी अम्मा और मुंबई की 12 वर्षीय काम्या कार्तिकेयन का भी जिक्र किया.

प्रधानमंत्री ने भागिरथी अम्मा के बारे में बात करते हुए कहा कि केरल को कोट्टम की भागिरथी अम्मा 105 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई शुरू की और चौथी क्लास में एडमिशन ली. वहां उन्होंने 75 प्रतिशत अंक प्राप्त की. भागीरथई अम्मा जैसे लोग ही भारत की ताकत है. वहीं, प्रधानमंत्री ने काम्या के उपलब्ध को देश के लिए गर्व का विषय बताया. गौरतलब है कि काम्या मिशन साहस कार्यक्रम के तहत 12 वर्ष की उम्र में मांउटेन एकांकगुआ फतह की थी.

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