हैदराबाद में कानून व्यवस्था पर राज्यपाल को विशेष अधिकार के मुद्दे पर लोकसभा में हंगामा

नयी दिल्ली:लोकसभा में आज तेलंगाना के सदस्यों ने हैदराबाद में कानून एवं व्यवस्था मामले पर राज्यपाल को विशेष अधिकार दिये जाने के संदर्भ में राज्य को भेजे गये कड़ेनिर्देश पर कड़ा विरोध जताया है. इसक बादजूद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून के उल्लंघन से इंकार किया है.... टीआरएस सदस्यों ने आज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2014 4:25 PM
an image

नयी दिल्ली:लोकसभा में आज तेलंगाना के सदस्यों ने हैदराबाद में कानून एवं व्यवस्था मामले पर राज्यपाल को विशेष अधिकार दिये जाने के संदर्भ में राज्य को भेजे गये कड़ेनिर्देश पर कड़ा विरोध जताया है. इसक बादजूद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून के उल्लंघन से इंकार किया है.

टीआरएस सदस्यों ने आज सदन में यह मुद्दा उठाया और इसके चलते हुए हंगामे के कारण प्रश्नकाल के दौरान सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित भी की गई.

शून्यकाल के दौरान तेलुगू देशम पार्टी के जितेन्द्र रेड्डी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि गृह मंत्रालय का हाल में भेजा गया एक पत्र नये राज्य के लिए एक धक्का है. उन्होंने कहा कि इस पत्र में गृह मंत्रालय ने कानून व्यवस्था का अधिकार राज्यपाल को दिया है. यह राज्य में राज्यपाल शासन लागू करने और मुख्यमंत्री के अधिकार को छीनने जैसा है.

एआईएमआईएम के असादुद्दीन ओवैसी ने भी उनका समर्थन किया और केंद्र के इस कदम को असंवैधानिक बताया.गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून के प्रावधानों के अंतर्गत यह निर्देश जारी किया गया है. इसके अलावा कुछ नहीं है. कानून के जो भी प्रावधान हैं उनका कहीं कोई उल्लंघन नहीं है.

गृह मंत्री ने कहा कि इस कानून की धारा आठ राजधानी हैदराबाद के निवासियों के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्तियों का संरक्षण करने का विशेष अधिकार राज्यपाल को देती है. उन्होंने कहा कि राजधानी क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा और प्रमुख प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी राज्यपाल की है.

उन्होंने कहा कि इसी धारा के पार्ट तीन में कहा गया है कि कामकाज के निर्वहन में राज्यपाल तेलंगाना राज्य की मंत्रिपरिषद से विचार विमर्श करने के बाद अपना व्यक्तिगत फैसला करेंगे.

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि उनकी यह भरपूर कोशिश होगी कि केंद्र और राज्यों के संबंध में किसी प्रकार की दरार पैदा न होने पाये और राज्यों के जो अधिकार हैं वे पूरी तरह से सुरक्षित रहें और उस पर किसी भी सूरत में कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगना चाहिए.

रेड्डी ने केंद्र की ओर से भेजे गये पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि आखिर इस पत्र का मतलब क्या है ? क्या केंद्र सरकार देश के मुख्यमंत्रियों का हक छीनना चाहती है ? क्या राज्यों में गर्वनर का शासन चलेगा? उन्होंने इस पत्र को तत्काल वापस लेने और गृह मंत्री से जवाब की मांग की.

इससे पहले आज सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरु होने पर टीआएस सदस्य हैदराबाद में कानून एवं व्यवस्था के संबंध में राज्यपाल को विशेष अधिकार देने का मुद्दा उठाते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और नारेबाजी करने लगे. एआईएमआईएम के असादुद्दीन ओवैसी अपने स्थान से ही इस विषय को उठाते हुए इसे संविधान का उल्लंघन बता रहे थे.

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर जाने और शून्यकाल में इसे उठाने को कहा लेकिन टीआरएस सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा. हंगामा थमता ने देख अध्यक्ष ने कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी.

साढे ग्यारह बजे कार्यवाही पुन: शुरु होने पर अध्यक्ष ने कहा कि वह इस विषय पर मंत्री से प्रतिक्रिया जताने को कहेंगी. संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करेगी. उन्होंने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया. इसके बाद टीआरएस सदस्य अपने स्थान पर लौट गए.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version