चेन्नई:भारत का अंतरिक्ष यान अपने लक्ष्य के काफी करीब पहुंच गया है. इसरो के वैज्ञानिक 24 सितंबर को किए जाने वाले चुनौतिपूर्ण कार्य के लिए तैयारी कर रहे है.
24 सितंबर को वैज्ञानिक इस यान के एक महत्वपूर्ण कार्य के लिए इसमें लगे उस द्रवित ईंजन को चालू करेंगे, जो लगभग दस माह से सुसुप्तावस्था में है.भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर एक पोस्ट में कहा,मार्स ऑर्बिटर मिशन की अगली बडी चुनौती..297 दिनों की नींद के बाद मंगल के कक्ष में प्रवेश के लिए द्रवित ईंजन को जाग्रत करना है.
30 दिन बचे हैं. इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए इसरो के प्रकाशन एवं जनसंपर्क निदेशक देवी प्रसाद कार्णिक ने कहा कि यह एक असल चुनौती होगी क्योंकि वैज्ञानिक उस द्रवित ईंजन को संचालित करने की कोशिश करेंगे, जो अंतरिक्ष में सुसुप्तावस्था या शांत अवस्था में था.
उन्होंने प्रेस ट्रस्ट को बताया, पिछली बार ईंजन 1 दिसंबर 2013 को सक्रिय हुआ था. इस द्रवित ईंजन को अंतरिक्षयान का वेग कम करने के लिए और अंतरिक्ष यान को मंगल की कक्षा में दाखिल करवाने के लिए सक्रिय किया जाएगा.
उन्होंने कहा, यह कार्य 24 सितंबर को सुबह साढे सात बजे किया जाएगा. 1 दिसंबर को अंतरिक्ष यान 648 मीटर प्रति सेकेंड का वेग देकर इस द्रवित ईंजन को 22 मिनट के लिए छोडा गया था.
पिछले सप्ताह इसरो ने कहा था कि मंगल अभियान मंगल से महज 90 लाख किलोमीटर की दूरी पर है और यह 33 दिनों में लाल ग्रह पर पहुंच जाएगा. मंगलयान नामक 450 करोड़ रुपए की यह परियोजना बीते वर्ष 5 नवंबर को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से पोलर सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल की मदद से लॉन्च की गई थी. इस यान के 24 सितंबर तक मंगल ग्रह के पर्यावरण में पहुंच जाने का लक्ष्य है.
ऐसा माना जा रहा है कि यह परियोजना ग्रह संबंधी शोध के लिए वैज्ञानिक समुदाय को बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगी.
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