इंदौर: जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक सम्मेलन के दौरान हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाये जाने का पहली बार सार्वजनिक आह्वान किया, तब उनके दिल से निकले बोल की गूंज स्वतंत्रता के लिये संघर्ष कर रहे बहुभाषी देश में दूर-दूर तक सुनायी दी थी.... मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति के प्रचार मंत्री अरविंद ओझा […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2014 1:54 PM
इंदौर: जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक सम्मेलन के दौरान हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाये जाने का पहली बार सार्वजनिक आह्वान किया, तब उनके दिल से निकले बोल की गूंज स्वतंत्रता के लिये संघर्ष कर रहे बहुभाषी देश में दूर-दूर तक सुनायी दी थी.