हेमा के बयान से नाराज हुए वृंदावन के एनजीओ

नयी दिल्ली: मथुरा से सांसद हेमा मालिनी के द्वारा वृंदावन की व‍िधवाओं को लेकर कल दिये गये बयान से वहां सक्रीय गैर-सरकारी संगठन गुस्‍से में आ गए हैं. उन्‍होंने हेमा के इस बयान को ‘असंवेदनशील’ करार देते हुए कहा है कि वे इन विधवाओं पर आंच नहीं आने देंगे और उनके भीतर से डर भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2014 12:57 PM
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नयी दिल्ली: मथुरा से सांसद हेमा मालिनी के द्वारा वृंदावन की व‍िधवाओं को लेकर कल दिये गये बयान से वहां सक्रीय गैर-सरकारी संगठन गुस्‍से में आ गए हैं. उन्‍होंने हेमा के इस बयान को ‘असंवेदनशील’ करार देते हुए कहा है कि वे इन विधवाओं पर आंच नहीं आने देंगे और उनके भीतर से डर भी निकालेंगे.

हेमा ने कल बेहद विवादास्पद बयान में कहा था ,’वृंदावन की विधवाओं की अच्छी आय और बैंक बैलेंस होने के बावजूद वे आदतन भीख मांगती हैं. बंगाल, बिहार से विधवाओं को वृंदावन आकर भीड नहीं बढानी चाहिये. वे अपने राज्य में ही रहें.’

वृंदावन में चौदह साल पहले विधवा आश्रम ‘आमार बाडी’ (अब मां धाम) की स्थापना करने वाले ‘गिल्ड आफ सर्विस’ एनजीओ की संस्थापक अध्यक्ष डाक्टर वी मोहिनी गिरी ने कहा कि हेमा ने इस बयान से हजारों विधवाओं की उम्मीदें तोड दी हैं.उन्होंने कहा, यह बेहद असंवेदनशील बयान है. क्या विधवाओं की कोई गरिमा नहीं होती. कल को मुझसे कहा जायेगा कि तुम विधवा हो और दिल्ली छोडकर आंध्रप्रदेश लौट जाओ तो मैं क्या करुंगी. इस तरह का बर्ताव कहां तक जायज है.

‘उन्होंने कहा, ‘हेमा ने विधवाओं की उम्मीदें तोडी हैं. एक महिला होकर वह उनका दर्द नहीं समझ सकी. वह सांसद है और उन्हें विधवाओं को सामाजिक सुरक्षा दिलानी चाहिये थी. मैने उन्हें तीन पत्र लिखे और कल इसका जवाब मिला कि मेरे पीए से बात करो. लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी. मैं सुनिश्चित करुंगी कि वृंदावन की विधवाओं पर आंच नहीं आये.’ उन्होंने बताया कि ये विधवायें बरसों से वृंदावन में रह रही हैं और बंगाल लौटना नहीं चाहती.

हमारा मि‍शन वृंदावन की विधवाओं को मतदाता पहचान पत्र दिलाना: गिरी

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