प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की ओर से किसानों के हित में किये जा रहे कामों की जानकारी देते हुए इसे किसानों के हित में बताया. उन्होंने कहा कि जिस भी प्रकार के भारतीय किसानों को लाभ होगा सरकार वह प्रयास करेगी. देश के कृषि क्षेत्र को आगे बढाने के लिए और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए न्यूक्लियर पावर का उपयोग किया जायेगा. किसान देशभर का पेट भरता है और उसी की जेबें खाली रह जाती हैं. इस परंपरा को बंद कर दिया जायेगा.
फूड प्रोसेसिंग से होगी तरक्की
कर्नाटक के तुमकुर में फूड पार्क के उदघाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के पैदावार को सुरक्षित रखने के लिए फूड प्रोसेसिंग का उपयोग किया जायेगा. यह काम हमारे देश में पुराने जमाने से होते आ रहे हैं. हमारे पूर्वज खेतों में ही गन्ने के रस से गुड बना लेते थे. दूर देश की यात्रा करने से पहले बिहार के लोग साथ में सत्तु रखते हैं. ये सभी उपाय फूड प्रोसेसिंग ही तो हैं. किसानों द्वारा उत्पादित अनाज का एक भी दाना बर्बाद ना हो इसके लिए सरकार अपने स्तर से हर प्रयास कर रही है.
न्यूक्लियर पावर का उपयोग कृषि क्षेत्र में होगा
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और आस्ट्रेलिया के बीच जो न्यूक्लियर करार हुए हैं, उसका उपयोग यहां की कृषि व्यवस्था सुधारने के लिए किया जायेगा. किसानों की पैदावार का वेस्टेज बचा लिया जाये तो हर साल देश का 30—40 करोड रुपये बचाया जा सकता है. किसानों के हित में जो भी कार्य किये जा सकते हैं सरकार सभी कार्य करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
भारतीय व्यंजनों की विदेशों में जबरदस्त मांग
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विदेशों में भारतीय व्यंजनों की विशेष मांग है. लेकिन विदेशियों के पास इतना समय नहीं होता कि वे भारतीय व्यंजन पका सकें. ऐसे में भारतीय बाजारों से उनके लिए ‘रेडि टू इट’व्यंजनों को भेजकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज और वेस्ट मैनेजमेंट कर भारतीय उत्पादन को काफी फायदा पहुंचाया जा सकता है. दुनियाभर में आर्गेनिक चीजों की मांग बढी है.
पीपीपी मोड पर करेंगे कृषि का विकास
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के कृषि को विकास की गति पकडाने के लिए पीपीपी मोड का सहारा लिया जायेगा. सरकार इसपर गंभीरता से काम कर रही है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से प्राइवेट सेक्टरों का पैसा कृषि के विकास पर खर्च होगा, जिससे कृषि के क्षेत्र में देश विकसति तो होगा ही लोगों को कृषि के प्रति रूझान भी बढेगा. उन्होंने कहा कि हाल ही में एक सर्वे से पता चला कि केले के वेस्ट पेडों से बेहतर क्वालिटी का सूत बनाया जा सकता है और इससे बेहतरीन कपडे भी तैयार किये जा सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो कार्पोरेट और किसान मिलकर काम करेंगे.
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