आरएसएस के प्रचारक रहे खट्टर को हरियाणा की कमान

चंडीगढ़ : हरियाणा में मुख्‍यमंत्री पद को लेकर चंडीगढ़ में चल रही विधायक दल की बैठक में मनोहर लाल खट्टर को नेता चुन लिया गया है. बैठक से निकलने के बाद खट्टर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुझे सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. अब हम सरकार बनाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2014 12:23 PM
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चंडीगढ़ : हरियाणा में मुख्‍यमंत्री पद को लेकर चंडीगढ़ में चल रही विधायक दल की बैठक में मनोहर लाल खट्टर को नेता चुन लिया गया है. बैठक से निकलने के बाद खट्टर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुझे सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. अब हम सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के सामने प्रस्ताव रखेंगे.

मुख्‍यमंत्री की रेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी मनोहर लाल खट्टर सबसे आगे थे. खट्टर के नाम पर लगभग सहमति पहले ही बन चुकी थी केवल इसका औपचारिक ऐलान बाकी था. इस संबंध में कल अमित शाह और खट्टर की मुलाकात हुई थी.

60 साल के खट्टर ने पहली बार हरियाणा के करनाल से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के लंबे समय तक प्रचारक रह चुके खट्टर को पार्टी की ओर से पहले ही सीएम पद के लिए आगे किया गया था हालांकि इस रेस में कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले राव इंद्रजीत सिंह, प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष रामविलास शर्मा, अनिल विज, भाजपा किसान मोर्चा के अध्‍यक्ष ओपी धनकड़ और पार्टी प्रवक्‍ता कैप्‍टन अभिमन्‍यु का नाम भी शामिल था.

कौन हैं मनोहरलाल खट्टर

60 साल के मनोहर लाल खट्टर का भाजपा और आरएसएस से पुराना नाता है. इन्हें नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह का करीबी बताया जाता है. जब मोदी हिमाचल के भाजपा प्रभारी थे तो खट्टर को वहां का सहप्रभारी बनाया गया था. साफ सुथरी छवि वाले खट्टर पहली बार करनाल से विधायक बने हैं. खट्टर राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) से करीब 34 साल और भाजपा से 20 वर्षों से जुड़े हैं. वे हरियाणा में भाजपा के संगठनात्‍मक सचिव रह चुके हैं.

मोदी की पहली पसंद खट्टर

1996 में नरेंद्र मोदी और खट्टर हरियाणा में साथ काम कर चुके हैं. मोदी खट्टर पर पूरा भरोसा जताते रहे हैं. भुज में भूकंप त्रासदी से उबरने के लिए मोदी ने खासतौर पर खट्टर को कच्‍छ बुलाया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में जब मोदी वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे थे, खट्टर को 50 वार्ड की जिम्‍मेदारी दी गई थी. हरियाणा विस चुनाव में भी मोदी ने खट्टर पर भरोसा जताया जिसपर वे खरे भी उतरे. राज्य में चार सीटों वाली भाजपा को खट्टर ने 47 सीटों के साथ बहुमत दिलाया.

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