पंजाब में आइ कैंप : आंखों को रोशनी देने के बजाय छिन ली बची-खुची रोशनी

नयी दिल्‍ली : हाल ही में बिलासपुर में टारगेट पूरी करने की गरज से की गयी महिलाओं की ताबड़तोड नसबंदी मामले में 13 महिलाओं की मौत का मामला शांत भी नहीं हुआ है, इस बीच चिकित्‍सकों की एक और लापरवाही सामने आयी है. पंजाब के गुरदासपुर में एक एनजीओ की ओर से लगाये गये मोतियाबिंद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2014 9:49 AM
an image

नयी दिल्‍ली : हाल ही में बिलासपुर में टारगेट पूरी करने की गरज से की गयी महिलाओं की ताबड़तोड नसबंदी मामले में 13 महिलाओं की मौत का मामला शांत भी नहीं हुआ है, इस बीच चिकित्‍सकों की एक और लापरवाही सामने आयी है. पंजाब के गुरदासपुर में एक एनजीओ की ओर से लगाये गये मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर में चिकित्‍सकों की लापरवाही ने 60 वृद्धों के आंखों की रौशनी छीन ली.

आर्थिक रूप से कमजोर ये वृद्ध कहा अपने बुढापे दिनों में अपनी आंखों की रौशनी को बढाने इस शिविर में आये थे, वहीं रौशनी लौटाने वालों ने ही इसकी बची-खुची रौशनी भी छीन ली. इन लोगों को अमृतसर और गुरदासपुर के अस्‍पतान में भर्ती कराया गया है. सिविल सर्जन ने मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं.

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार एक स्‍वयंसेवी संस्‍था ने मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर का आयोजन किया था. आसपास के ग्रामीण इलाकों में सर्वे कर मोतियाबिंद से पीडित वैसे वृद्धों को चिन्हित किया गया था, जिनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है. घटना का ब्योरा देते हुए अमृतसर के सिविल सर्जन राजीव भल्ला ने कहा कि सभी मरीजों का ऑपरेशन तकरीबन 10 दिन पहले गुरदासपुर जिले के घुमन गांव के एक नेत्र शिविर में किया गया था.

आपरेशन के बाद उनकी आंखों की रौशनी पूरी तरह समाप्‍त हो गयी. रोशनी खोनेवालों में 16 लोग अमृतसर और बाकी गुरदासपुर के रहनेवाले हैं. अमृतसर के उपायुक्त रवि भगत ने बताया कि 16 मरीजों को सहायक प्रोफेसर करमजीत सिंह की निगरानी में शहर के ईएनटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सिंह ने कहा कि उन सबने स्थायी तौर पर अपनी आंखों की रोशनी खो दी है. भगत ने कहा कि उन डॉक्टरों का पता लगाने के लिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं जिन्होंने शिविर में ऑपरेशन किया.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version