नयी दिल्ली : परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उबर कैब कंपनी पर बैन लगाने का विरोध किया है. गडकरी का कहना है कि कंपनी पर बैन लगाना समस्या का समाधान नहींहै बल्कि इसके लिए कमियों को सुधारे जाने की जरूरत है.
वहीं, दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू है और उप राज्यपाल नजीब जंग ने केंद्रीय गृह मंत्रलय के निर्देश पर इस कंपनी पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. यानी स्पष्ट है कि गृह मंत्रलय उस कंपनी पर लगाम कसने की कोशिश में है. इसी क्रम में आज दिल्ली पुलिस ने उबर कंपनी पर प्राथमिकी भी दर्ज कर ली है.
गडकरी ने कहा कि ऐसी चुनौतियों से निपटने के लाइसेंस की प्रणाली को बदलना होगा और चालकों का डेटा बेस तैयार करना होगा ताकि चालकों की पृष्ठभूमि का पता लगाया जा सके.
संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि इसके लिए मोटर वेहिकल एक्ट 1998 में सुधार किए जाने की जररूत है. वहीं कांग्रेस ने भी कंपनी पर बैन लगाने का विरोध किया है.
इस मामले को लेकर नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) अजीत डोभाल आज दिल्ली के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ बैठककी है. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें मामले की रिपोर्ट को सौंपेंगे.
उबर अमेरिकी कंपनी है इसलिए इसके फैसले का असर भारत-अमेरिका के संबंधों पर पड़ सकता है. बताया जा रहा है कि कंपनी को लेकर फैसले लेने में भारत-अमेरिकी संबंधों का ध्यान रखा जा सकता है.
गौरतलब है कि दिल्ली में ओबर कंपनी के कैब ड्राइवर पर युवती से बलात्कार का आरोप लगा था जिसके बाद सरकार ने कंपनी पर ही बैन लगा दिया.
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