नयी दिल्ली: हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा आगरा में धर्म परिवर्तन कराए जाने पर उठे विवाद के बीच भाजपा प्रमुख अमित शाह ने आज जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कडे कानून की पैरवी की.
लेकिन, उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल वोट बैंक राजनीति के कारण संसद में इस तरह के प्रावधान को समर्थन देने के लिए आगे नहीं आएंगे.
शाह ने ‘एजेंडा आजतक’ में कहा, ‘‘जबरन धर्मांतरण नहीं होना चाहिए और इसके खिलाफ संसद में एक कडा कानून लाया जाना चाहिए. मैं इस तरह के कानून का समर्थन करने के लिए अन्य सभी दलों से अपील करता हूं. लेकिन, मैं गारंटी देता हूं कि भाजपा को छोडकर कोई भी दूसरी पार्टी अपनी वोटबैंक राजनीति के कारण इसका समर्थन नहीं करेगी.’’ उन्होंने संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू की संसद में की गयी अपील का समर्थन किया कि जबरन धर्मांतरण पर कानून लाने के लिए सभी दलों को साथ आना चाहिए लेकिन, अगर लोग मर्जी से धर्म पर्वितन करते हैं तो इसका विरोध क्यों किया जाता है.
आरएसएस के संगठन हिंदू जागरण समिति द्वारा मुस्लिमों को हिंदू बनाने के लिए आगरा में आयोजित समारोह ‘घर वापसी’ को लेकर विवाद की पृष्ठभूमि में शाह की टिप्पणी मायने रखती है.
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