नयी दिल्लीः नयी मोदी सरकार हथियार खरीद में लॉबिंग को जल्द ही लागू करने जा रही है. इससे हथियारों की खरीद-फरोख्त में दलाली को इजाजत मिल जाएगा. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि व्यवस्था को जल्दी ही कानूनी जामा पहना दिया जाएगा.
रक्षा मंत्री ने टीवी चैनलों से कहा इस व्यवस्था में मध्यस्थों के नाम को सार्वजनिक करना होगा और उनके कमिशन को मोलभाव के नतीजों से नहीं जोड़ा जा सकेगा.
सरकार ने यह भी कहा है कि ये दलाल कंपनियों की ओर से बैठकों में भी शामिल हो सकेंगे. उनका तर्क था कि हो सकता है कपनी के अधिकारी भारत में होने वाली हर बैठक में शामिल न हो पाएं इस वजह से उन दलालों को भी बैठक में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.
गौरतलब है कि 1980 के दशक में बोफोर्स घोटाले में राजनेताओं और अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप लगे थे. इसके बाद से रक्षा दलालों पर सालों तक प्रतिबंध लगा रहा. 2003 में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें दलालों को वैध करने और मोलभाव की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की सिफारिश की गई थी लेकिन इससे भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लग पायी. कारण बताया गया कि किसी दलाल ने सरकार में रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया. रक्षा मंत्री पर्रिकर ने कहा कि मंत्रालय प्रतिबंधित रक्षा कंपनियों को कुछ शर्तों के आधार पर कुछ समय के लिए इजाजत दे सकती है.
इसके साथ ही हथियारों के व्यापार में कंपनियों को और ज्यादा छूट दिये जाने की भी योजना बनाई जा रही है. पर्रिकर ने कहा कि निजी कंपनियों को भारत में बने हथियार निर्यात करने की इजाजत होनी चाहिए. इसके लिए जरुरत पड़ी तो नियमों में बदलाव किए जाएंगे.
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